प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन, दिखेगी पूर्वोत्तर भारत की विशाल सांस्कृतिक विविधता की अदम्य झलक
नई दिल्ली: आज यानी शुक्रवार 6 दिसंबर को राजधानी स्थित भारत मंडपम में प्रधानमंत्री मोदी पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को प्रदर्शित करने वाले उत्सव अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बीते गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बता दें कि, पहली बार मनाया जा रहा तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव आज यानी छह से आठ दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस बाबत PMO ने कहा कि, ‘‘यह पूर्वोत्तर भारत की विशाल सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करेगा, पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक प्रथाओं की एक श्रृंखला को एक साथ लाएगा।”
वहीं पहली बार भारत मंडपम में आज यानी 6 दिसंबर से आयोजित इस खास महोत्सव में पूर्वोत्तर के 250 से अधिक कारीगर और उद्यमी हस्तशिल्प, हथकरघा और कृषि-बागवानी उत्पादों तथा 34 जीआई टैग वाले उत्पादों का बी प्रदर्शन करेंगे। राज्य विशिष्ट मंडप, एरी और मुगा सिल्क गैलरी भी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होंगे। PMO के जारी बयान में यह भी कहा गया कि पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पादों और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव में कई तरह के कार्यक्रम भी होंगे। इसमें कहा गया कि महोत्सव में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रमुख क्षेत्रों में कारीगर प्रदर्शनियां, ग्रामीण हाट, राज्य विशिष्ट मंडप और तकनीकी सत्र होंगे।
#AshtalakshmiMahotsav 2024 ✨
▪️The culture of Northeast India is a vibrant tapestry woven with centuries of traditions, diverse languages, rich folklore, and breathtaking landscapes. It is a region that holds within its embrace an extraordinary blend of ancient customs and… pic.twitter.com/uKzUf840zS
— PIB India (@PIB_India) December 5, 2024
वहीं इस महोत्सव के दोरान महिला नेतृत्व, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, खेल, कला और संस्कृति पर तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही विकसित भारत के लिए पूर्वोत्तर की भूमिका पर विशेष सत्र का भी आयोजन होगा। इस अष्टलक्ष्मी महोत्सव पर PMO की माने तो, महोत्सव के दौरान निवेशकों की गोलमेज बैठक और खरीदार-विक्रेता बैठक भी होगी। इन कार्यक्रमों के आयोजन साझेदारी और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा के उद्देश्य से किए गए हैं। वहीं बयान में कहा गया कि महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध हथकरघा और हस्तशिल्प परंपराओं को प्रदर्शित करने वाले डिजाइन कॉन्क्लेव और फैशन शो होंगे। इसमें यह भी कहा गया कि क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए महोत्सव में जीवंत संगीत प्रदर्शन और पूर्वोत्तर भारत के स्वदेशी व्यंजनों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।