पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थकों का विरोध प्रदर्शन समाप्त: सुरक्षाकर्मियों ने खदेड़ा, गृहमंत्री बोले- गिरफ्तारी के डर से भागीं बुशरा बीबी

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित डी चौक और उसके आसपास के इलाकों में अचानक आधी रात को सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने आज इस विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया। वहीं खान की पार्टी PTI ने सुरक्षाकर्मियों की इस कार्रवाई को “फासीवादी सैन्य शासन” में किया गया “नरसंहार” का प्रयास करार दिया। वहीं इस मामले पर पाकिस्तानी वेबसाइट द डॉन के मुताबिक पार्टी ने आज सुबह कहा कि इमरान खान की सलाह पर ही अब आगे कोई फैसला किया जाएगा।

पुलिस सूत्रों की मानें तो लगभग 450 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने कहा कि सुरक्षा बलों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने के इरादे से प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई। इससे पहले मंगलवार शाम को, पीटीआई समर्थकों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों से झड़प हुई, जिसके बाद वे रविवार को शुरू हुए इस्लामाबाद मार्च के तहत डी-चौक पर धरना देने में सफल रहे। पुलिस के साथ समर्थकों की झड़प में छह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गये।

गिरफ्तारी के डर से भाग गए प्रदर्शनकारी

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के साथ पेशावर से इस्लामाबाद तक मार्च का नेतृत्व करने वालीं खान की पत्नी बुशरा बीबी ने कहा कि प्रदर्शनकारी तब तक नहीं हटेंगे जब तक खान को जेल से रिहा नहीं किया जाता। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें क्षेत्र से हटाने के अपने प्रयास जारी रखे। वहीं इस पर मिली रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री गंडापुर ने फिर बीते मंगलवार देर रात प्रदर्शनकारियों को घर चले जाने को कहा था। गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा यह दोनों गिरफ्तारी के डर से भाग गए हैं।

जानकारी दें कि, डी-चौक के आसपास राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय स्थित हैं। आधी रात के आसपास, पुलिस और रेंजर्स ने ब्लू एरिया व्यापार क्षेत्र को खाली करने के लिए एक अभियान चलाया। पीटीआई ने कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार पर हिंसा का इस्तेमाल करने और उसके सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या के प्रयास का आरोप लगाया।

इस बाबत पीटीआई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “शहबाज-जरदारी-आसिम गठबंधन के नेतृत्व वाले क्रूर, फासीवादी सैन्य शासन के तहत सुरक्षा बलों के हाथों पाकिस्तान में नरसंहार का प्रयास किया गया। देश में खून-खराबा हो रहा है।” इस बाबत पाकिस्तानी वेबसाइट द डॉन ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि, गंडापुर और बुशरा बीबी इसके बाद विरोध प्रदर्शन से कहीं चले गए और उसके बाद से ही उनका कुछ भी पता नहीं चल पाया है। इस पर पाकिस्तान के सूचना मंत्री अता तरार ने दावा किया कि दोनों शायद खैबर पख्तूनख्वा वापस लौट गए हैं।

बता दें कि, बीते साल अगस्त से जेल में बंद 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने बीते 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए ‘‘अंतिम आह्वान” किया था। यह आह्वान उन्होंने बीते 13 नवंबर को किया था। खान ने कथित तौर पर जनादेश की चोरी, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और संविधान के 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी। संविधान के 26वें संशोधन पर उन्होंने कहा था कि इसने ‘‘तानाशाही शासन” को मजबूत करने का काम किया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले साल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी के अनुसार, उन पर 200 से अधिक मामले दर्ज हैं।

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