नई दिल्ली: आगरा में सार्वजनिक भूमि पर बनी अधिसूचित मलिन बस्तियों में रहने वाले वालों को पक्के घर दिए जाएंगे। बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। नियोजित विकास के तहत शेष भूमि पर अन्य विकास योजनाएं तैयार होंगी। प्रशासन ने कसरत शुरू कर दी है। अब प्रदेश सरकार स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास योजना 2021 के तहत मलिन बस्तियों को हटाकर वहां के रहने वालों को पक्के घर देने की योजना पर काम रही है। योजना को निजी निवेशकों के सहयोग से बढ़ाया जाएगा। अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निर्देश पर स्थानीय अधिकारियों ने बस्तियों को चिह्नित करने की कार्यवाही शुरू कर दी है।
अधिकारियों को मुताबिक, इस योजना में केवल उन्हीं बस्तियों को शामिल किया जाएगा जो सरकारी भूमि जैसे नगर निगम, राजकीय आस्थान, नजूल आदि पर बनी होगी। बस्ती में कम से कम 300 लोग रहते हों, उसे ही शामिल किया जाएगा। इसके साथ उस बस्ती में रहने वाले कम के कम 15 प्रतिशत लोग इस योजना पर रजामंदी दें। बस्ती में रहने वालों को ईडब्लूएस भवन दिए जाएंगे। शेष भूमि पर पार्क, सड़क, नाली, सीवर लाइन आदि के साथ अन्य योजनाएं विकसित की जाएगी।
शहर में करीब 300 मलिन बस्तियां हैं। 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। नगर निगम, डूडा, प्रशासन सहित कई विभागों के अधिकारियों को शामिल किया है। इसकी मानीटरिंग के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। 18 अधिकारी सदस्य होंगे। पीओ डूडा, मुनीष राज ने कहा कि मलिन बस्ती विकास का योजना के तहत वहां रहने वालों को आवास दिए जाएंगे। निजी निवेशकों को साथ लेकर विकास होगा।