अजमेर: पुष्कर के अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला ऐसे ही नहीं दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, बल्कि यहां देश के अनेक हिस्सों से आये पशु इस मेले को दूसरे मेलों से अलग और भव्य बनाते है। अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला में एक से बढ़कर एक पशु अपनी पहचान बनाए हुए है, इस मेले में 1 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक का घोड़ा बिकने के लिए मैदान में खड़ा है तो वहीं दूसरी ओर इस बार पुष्कर पशु मेले में विलुप्त होती पुंगनूर प्रजाति की गाय आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
इस गाय को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है तो वही लोग इस छोटी गाय की फोटो लेने के लिए भी उत्साहित नजर आ रहे है। जयपुर से आए अभिराम ब्रीडिंग फार्म के अभिनव तिवारी ने बताया कि पुंगनूर प्रजाति की गाय की हाइट 28 से 36 इंच होती है। एक गाय प्रतिदिन 3 किलो चारा खाती है और तीन से पांच लीटर प्रतिदिन दूध देती है।
तिवारी ने यह भी बताया कि पुष्कर के अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में इन गायों को बेचने के मकसद से नहीं बल्कि उनकी प्रजाति के संरक्षण के लिए उनकी प्रदर्शनी लगाई गई है। इनका मानना है कि हर घर में देसी गाय पालनी चाहिए, जिनके पास जगह है वह बड़ी गाय पाल जिनके पास जगह नहीं है। पुंगनूर प्रजाति की गाय अपने घर में आराम से पाल सकते हैं। उनके लिए कोई बड़ा बाड़ा नहीं बल्कि पांच बाई पांच की जगह काफी होती है।
पुंगनूर गाय के बारे में आपको बता दें कि ये सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे कम ऊंचाई की गाय है। 17 से 24 यानी 3 फीट लंबी इन गायों की कीमत 2 से 10 लाख रुपए होती है। ये रोजाना 5 लीटर तक दूध देती है। बाजार में इन गायों की दूध की कीमत 1000 रुपए से शुरू है।
दक्षिण भारत में स्टेट्स सिंबल
पिछले कुछ सालों में इस गाय को पालने को लेकर लोगों में जागरूकता आई है। दक्षिण भारत में इसे पालना अब स्टेट्स सिंबल बनता जा रहा है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. किरणकुमार रेड्डी, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के चेयरमैन एन हरिकृष्ण समेत कई बड़ी हस्तियां इस गाय को अपने घर में पाल रहे हैं। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पास भी कई पुंगनूर गायें हैं। इस गाय को अच्छे भाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। इसीलिए इन गायों की कीमत बढ़ती जा रही है।