नई दिल्ली : केंद्र सरकार के ई-मार्केटप्लेस जीईएम (जेम) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में शानदार शुरुआत की है। जेम के माध्यम से पहली तिमाही में वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद 1.24 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। जेम पर खरीद की यही गति कायम रही तो यह चालू वित्त वर्ष के अंत तक दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा। ई-खरीद पोर्टल जेम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने गुरुवार को यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि जेम ने अप्रैल-जून तिमाही के अंत में 1,24,761 लाख करोड़ रुपये का सकल व्यापारिक मूल्य दर्ज किया है, जो तिमाही-दर-तिमाही आधार पर पिछले वित्त वर्ष के 52,670 करोड़ रुपये की तुलना में 136 फीसदी अधिक है। इस गति से ये बहुत जल्द दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा।
उन्होंने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों सहित केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा खरीद का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गई, जिसमें कोयला, रक्षा तथा पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय इस तिमाही में शीर्ष खरीदार के तौर पर उभरे हैं। गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस पर कार्यालय ‘स्टेशनरी’ से लेकर वाहनों तक के उत्पादों की विस्तृत शृंखला उपलब्ध है। इसमें मोटर वाहन, कंप्यूटर और कार्यालय फर्नीचर कुछ प्रमुख उत्पाद श्रेणियां हैं। इसके साथ ही परिवहन, हेलिकॉप्टर सेवाओं की भर्ती, लॉजिस्टिक्स, अपशिष्ट प्रबंधन, वेबकास्टिंग और विश्लेषणात्मक सहित सेवाएं मंच पर सूचीबद्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों तथा विभागों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी ई-मार्केट (जेम) मंच की शुरुआत नौ अगस्त, 2016 को की गई थी। दुनिया में इस तरह के ऑनलाइन मंचों की सूची में दक्षिण कोरिया का केओएनईपीएस शीर्ष पर है। इसके बाद दूसरे नंबर में सिंगापुर का जीईबीआईजेड और फिर भारत का जेम तीसरे स्थान पर है।