मॉस्को: रूसऔर यूक्रेन का युद्ध (war) अपने तीसरे साल की ओर बढ़ रहा है। लेकिन अब पुतिन (Putin) ने यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए नई शर्तें रख दी हैं। उनकी शर्त ऐसी हैं, जिसे यूक्रेन फिलहाल कभी नहीं मानने वाला। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस अपना युद्ध तभी समाप्त करेगा जब यूक्रेन मॉस्को की ओर से दावा किए गए सभी चार क्षेत्रों को पूरी तरह छोड़ देगा। इसके अलावा पुतिन की मांग है कि यूक्रेन नाटो (Nato) में शामिल होने की अपनी जिद को छोड़ दे। यूक्रेन ने पुतिन की इस डिमांड को पूरी तरह खारिज कर दिया है और इसे दिखावा करार दिया।
स्विट्जरलैंड में एक शांति सम्मेलन होना है, जिसमें रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस सम्मेलन से पहले शुक्रवार को पुतिन ने बोलते हुए युद्ध खत्म करने की अपनी शर्तें रखीं। पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में कब्जे वाले चार क्षेत्रों से हटने के साथ-साथ, पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को असैन्यीकरण करना होगा और पश्चिमी देशों को रूस पर अपने प्रतिबंध हटाने होंगे। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए थे। इससे रूसी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है।
हालांकि ये शर्तें पहले से ज्यादा सख्त हैं। लेकिन पुतिन का यह बयान इस युद्ध में रूस की विफलता को भी दिखाता है। क्योंकि रूस को यकीन था कि वह कुछ दिनों में राजधानी कीव समेत यूक्रेन के बाकी हिस्सों पर कब्जा कर लेगा। लगभग 28 महीने बाद रूस ने यूक्रेनी क्षेत्र के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इसमें क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है, जिसे एक दशक पहले रूस ने कब्जे में लिया था। यूक्रेन और पश्चिमी देश चेतावनी देते रहे हैं कि पुतिन यूक्रेन की पूरी हार के बाद समझौता करेंगे। युद्धविराम रूस को फिर से सैनिक इकट्ठा करने और भविष्य में आक्रमण की तैयारी का मौका देगा।
रूसी विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक पुतिन ने कहा कि शांति वार्ता के लिए रूस की शर्तें सरल हैं, जिसकी शुरुआत डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिजिया के पूरे क्षेत्रों से यूक्रेनी सैनिकों की वापसी से होगी। रूस फिलहाल इन क्षेत्रों को केवल आंशिक रूप से नियंत्रित करता है, लेकिन पुतिन का दावा है कि 2022 में प्रत्येक क्षेत्र रूस का हिस्सा हो गया। उन्होंने कहा, ‘जैसे ही कीव घोषणा कर देगा कि वह इस निर्णय के लिए तैयार है और नाटो में शामिल नहीं होगा। हम उसी समय गोलीबारी बंद कर बातचीत शुरू करने का आदेश देंगे।’