वाशिंगटन में कतर के पीएम की घोषणा, ‘जल्द ही इस्राइली बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्धविराम की उम्मीद’

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वाशिंगटन : हमास के हमले के बाद से इस्राइल में युद्ध जारी है। इस बीच कतर के प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि जल्द ही बंधकों की रिहाई होगी और युद्धविराम के लिए सकारात्मक समाधान निकल सकता है। बता दें, इस्राइल का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद हमास ने सैकड़ो यहूदियों को बंधक बना लिया है। अब भी करीब 100 से अधिक इस्राइली नागरिक आतंकियों के कब्जे में हैं।

कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने सोमवार को वाशिंगटन में आयोजित अटलांटिक काउंसिल को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शेष बंधकों की रिहाई और गाजा में स्थाई युद्धविराम के समाधान खोजने के लिए हुई वार्ता प्रगति पर है। रविवार को हुई वार्ता में चीजों को वापस समान्य और पटरी पर लाने के लिए चर्चा की गई। बंधकों की रिहाई और स्थाई युद्धविराम के लिए हमने कुछ आधार तैयार किए है, जो दोनों पक्षों को उम्मीद है कि स्वीकार्य हो। हालांकि, बैठक में प्रस्तावित रूपरेखा को हमास को सूचिक करना बाकी है। हालांकि, हमें अभी नहीं पता कि हमास इस पर कैसे प्रतिक्रिया दे। अगर हमास को भी शांति चाहिए तो उसे भी इस बैठक में सकारात्मक रूप से शामिल होना चाहिए।

एक दिन पहले, रविवार को पेरिस में इस्राइल के साथ मिलकर अमेरिका, मिस्र और कतर ने 136 बंधकों की रिहाई के लिए बैठक की थी, जिससे युद्धविराम हो सके और हमास के साथ इस्राइल का दूसरा समझौता हो जाए। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बैठक में सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स, मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया, शिन बेट प्रमुख रोनेन बार, कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद अल-थानी और मिस्र की खुफिया सेवाओं के प्रमुख अब्बास कामेल सहित तमाम शीर्ष अधिकारी शामिल थे। रिपोर्टों के अनुसार, इस्राइल का उद्देश्य है कि वह हमास पर उन चीजों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाए, जिसे इस्राइल उचित सौदा मानता है।

इस्राइल पर गत वर्ष 7 अक्तूबर को हुए आतंकी हमले में संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के कर्मचारियों के शामिल होने की रिपोर्ट के बाद गाजा के लोगों को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय मदद पर संकट पैदा हो गया है। इस्राइल की तरफ से यूएन को भेजी रिपोर्ट में दावा किया गया कि गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए के लिए काम करने वाले 190 से ज्यादा कर्मचारी आतंकी गुटों से जुड़े हुए हैं।

इस्राइल की तरफ से सौंपे गए छह पन्नों के डोजियर में कहा गया कि हमास व दूसरे इस्लामी आतंकी गुटों के लिए काम करने वाले यूएनआरडब्ल्यूए के कर्मचारियों में उसके नियंत्रण में संचालित स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हैं। डोजियर में 11 लोगों के नाम व उनकी तस्वीरें भी साझा हैं। इनमें एक स्कूल काउंसलर है, जिसने महिला के अपहरण में अपने बेटे को मदद की।

जॉर्डन में ईरान समर्थित समूह के ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत और कई सैनिकों के घायल होने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, अमेरिका इसका ‘जवाब’ जरूर देगा। इस्राइल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से मध्य-पूर्व में अमेरिकी बलों के खिलाफ ऐसे समूहों द्वारा महीनों से जारी हमलों में पहली बार हुई अमेरिकी सैनिकों की मौत के लिए बाइडन ने ईरान समर्थित मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराया है।

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