नई दिल्ली । दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित महंगाई पर कांग्रेस की हल्ला बोल रैली में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि मुझे ईडी द्वारा डराने की कोशिश की गई। 55 घंटे आफिस में बैठाया गया। अगर 200 घंटे भी बैठा लें, तब भी मैं डरने वाला नहीं हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास अब एक ही विकल्प है। हमें जनता के बीच सीधे जाना होगा और केंद्र सरकार की नाकामी बतानी होगी। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष बोल नहीं पाता है, हमारा माइक बंद कर दिया जाता है। महंगाई, बेरोजगारी और चीन जैसे मुद्दों पर हमें बात नहीं करने दी जाती है। राहुल गांधी ने कहा कि मीडिया, चुनाव आयोग सब पर सरकार का दबाव है, इसलिए हमें सीधे जनता के बीच जाकर मुद्दे उठाने होंगे और उन्हें सच्चाई बतानी होगी।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि आज 2 हिंदुस्तान बन गए हैं। एक मजदूर, किसान और बेरोजगारों का हिंदुस्तान है। इसमें कोई सपना नहीं देखा जा सकता। इसमें आप खून पसीना देंगे फिर भी कुछ नहीं होगा। दूसरा हिंदुस्तान 10-20 उद्योगपतियों का है। इसमें जो सपना वो देखेंगे उन्हें मिलेगा। उनका सब काम पूरा होगा। राहुल ने कहा कि आज इन्ही दो हिंदुस्तान की लड़ाई है। किसी भी दुकानदार और किसान से पूछ लीजिए, यूपीए और आज की सरकार में क्या अंतर है? यूपीए ने मनरेगा दिया और मोदी जी ने 3 काले कानून दिए। पहले उन्होंने मनरेगा की बुराई की, बाद में उसी को लागू किया। अगर मनरेगा नहीं होता तो आग लग जाती।
पहले किसानों की जमीन छीन ली जाती थी। हम कानून लेकर आए और मोदी जी ने पहला काम वो कानून हटाने का किया। उन्होंने बताया कि हमने 27 करोड़ लोगों को 10 साल में गरीबी से निकाला। वहीं पिछले 8 साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने 23 करोड़ लोगों को वापस गरीबी में डाल दिया। राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा देश में नफरत फैलाने और देश को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। राहुल गांधी कांग्रेस की महंगाई पर हल्ला बोल रैली में रामलीला मैदान में बोल रहे थे। राहुल गांधी ने जनता को संबोधन में कहा कि देश में आज क्या हो रहा है या नहीं हो रहा है, आपसे छुपाया नहीं जा सकता। जबसे भाजपा सरकार आई है, नफरत और क्रोध देश में बढ़ता जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा जिसे डर होता है, उसी के अंदर नफरत पैदा होती है। वहीं जिसे डर नहीं होता, उसे नफरत नहीं होती। आज हिंदुस्तान में डर बढ़ता जा रहा है। ये भविष्य का डर, महंगाई का डर, बेरोजगारी का डर है। इसलिए नफरत भी बढ़ती जा रही है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि नफरत से देश बंटता है और कमजोर होता है। आरएसएस और भाजपा के नेता यही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस नफरत का फायदा किसे मिल रहा है? क्या गरीब को, किसान को, मजदूर को इसका फायदा मिल रहा है? इस डर और नफरत का फायदा हिंदुस्तान के सिर्फ दो उद्योगपति उठा रहे हैं। राहुल गांधी ने बिना नाम लेते हुए कहा कि चाहे एयरपोर्ट हो, पोर्ट हो, सड़क हो, फोन हो या तेल, सबकुछ इन्ही दो उद्योगपतियों को जा रहा है। राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की थी। इससे क्या गरीबों को फायदा हुआ? उल्टा गरीबों के जेब से पैसा निकाला गया। ये बाद में पता चला कि देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों का सरकार ने कर्ज माफ कर दिया।
राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया क्या वो उद्योगपतियों की तरह किसान का कर्जा माफ करेंगे? किसान सरकार के खिलाफ है और अगर ऐसा नहीं होता तो मजदूर और किसान इनके खिलाफ सड़क पर नहीं होता। जब मोदी जी ने देखा कि किसान विरोध में खड़े हैं, तो उन्होंने किसान कानून वापस ले लिए। ऐसा ही जीएसटी के साथ है, इससे छोटे दुकानदार और मजदूर किसानों को मार पड़ी है। देश को रोजगार ये उद्योगपति नहीं देते हैं। देश को रोजगार किसान और छोटे धंधा करने वाले लोग देते हैं। इन्ही की कमर मोदी जी ने तोड़ दी है।