Rahul Gandhi : राहुल गाधीं ने कहा सत्ता में मेरी दिलचस्पी नहीं , सत्ता में रहना मेरी मजबूरी
नई दिल्ली : बीजेपी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा ‘मैं सत्ता के बीच पैदा हुआ, लेकिन अजीब बीमारी है कि मेरी उसमें दिलचस्पी ही नहीं आती है । राहुल गांधी ने कहा ‘मैं सत्ता के बीच पैदा हुआ, लेकिन अजीब बीमारी है कि मेरी सत्ता में intrest नही है । उन्होने कहा बहुत ये नेता हैं जो सुबह उठते ही कहते हैं सत्ता कैसे हासिल होगी । रात तक वे यही कहते सो जाते हैं फिर सुबह उठ के कहते हैं कि सत्ता कब और कैसे मेरे पास आएगी । मैं सत्ता के बीच में पैदा हुआ लेकिन बड़ी अजीब सी बीमारी है कि मेरा उसमें इंटरेस्ट ही नहीं है । राहुल गांधी ने आगे बताया की जब उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले हमने बसपा को गठबंधन का प्रस्ताव का मैसेज भेजा तो उधर से उत्तर नही आया ।
राहुल गांधी ने कहा कि कांस्टीट्यूशन हिंदुस्तान का एक मजबूत हथियार है । मगर इंस्टीट्यूशन के बिना कांस्टीट्यूशन का कोई मतलब नही रह जाता है । आप कहते हैं कि कांस्टीट्यूशन की रक्षा करनी है चाहिए मैं कहता हूं कांस्टीट्यूशन की रक्षा करनी जरुरू है , मगर कांस्टीट्यूशन को इम्लिमेंट कैसे किया जाता है इंस्टीट्यूशन के जरीए ।
इंस्टीट्यूशन सब के सब RSS के हाथ में हैँ. इंस्टीट्यूशन आपके और हमारे हाथ में नहीं है. तो कांस्टीट्यूशन हमारे हाथ में नहीं रहता ये कोई नया आक्रमण नहीं है. ये आक्रमण उस दिन शुरु हुआ, जब महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियाँ लगी थी ।
उन्होने कहा लड़ाई सिर्फ जनता ही लड़ सकती है ।जब तक हिंदुस्तान की जनता के अंदर जो आवाज है, जब तक वो नहीं बहार आएगी तब तब तक इंस्टीट्यूशन को कंट्रोल करके कांस्टीट्यूशन को ये लागू होने नहीं हो पाएगें ये आज हिंदुस्तान की कड़वा सच है ।
जब कांस्टीट्यूशन काम नहीं करता है, तो सीधी चोट, डायरेक्ट कमजोर लोगों पर जाकर रुक जाती है . कौन हैं वो – दलित हैं, अल्पसंख्यक हैं, आदिवासी हैं, बेरोजगार लोग हैं, छोटे किसान हैं ये लोग आज इकॉनमी की हालत देख कर आपको पता चल जाएगा । बेरोजगारी देख लीजिए. तो लड़ने का समय है और जो अंबेडकर जी ने कहा, जो गांधी जी ने कहा, रास्ता दिखाया उन्होंने. रास्ता है, उस पर बस चलने की जरुरत है. मुश्किल काम है, आसान काम नहीं है, रास्ता है, उस पर चलने की आवश्यक है ।
रिर्पोट – शिवी अग्रवाल