जयपुर: बीजेपी के संकल्प पत्र के लिए ‘आपणों राजस्थान, सुझाव आपका-संकल्प हमारा’ अभियान का आगाज हो गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रथों को रवाना किया. साथ ही सुझावों को सरकार आने पर पूरा करने का लक्ष्य बताया. एक ओर नड्डा ने सीएम अशोक गहलोत के मिशन 2030 पर तंज करते कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाने साधा. वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल में किए गए कार्यो का जिक्र कर सत्ता पार्टी पर खजाना खत्म करने का आरोप भी लगाया. जबकि राजेन्द्र राठौड़ और सीपी जोशी ने जयपुर की सुभाष चौक की घटना को लेकर निशाना साधा. प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी आमजन के सुझावों के जरिए अपना संकल्प पत्र बनाने में जुट गई है. घोषणा पत्र को संकल्प पत्र का नाम देते हुए बीजेपी ने इसकी थीम आपणों राजस्थान, सुझाव आपका-संकल्प हमारा नाम दिया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर के बिडला सभागार में अभियान का आगाज किया. कार्यक्रम के बाद 51 रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. बीजेपी के ये रथ प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर जाएंगे. आम जनता से सुझाव लेंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेशभर से आने वाले आमजन के सुझावों को राजनैतिक दस्तावेज की बजाय सरकार आने पर कार्य करने का लक्ष्य बताया. नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी ने राजनीति की संस्कृति बदल दी है. अब पीएम मोदी ने रिपोर्ट कार्ड की राजनीति शुरु की है. उन्होंने कहा कि अब तो जो कहा था वो किया है और जहां नहीं कहा था वो भी करके दिया की संस्कृति पर काम चल रहा है.
इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएम गहलोत के मिशन 2030 पर तंज करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधे. नड्डा ने कहा कि गहलोत साहब गिनती भूल गए हैं. 2030 के पहले 2023 आता है. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत ने पूरे पांच साल सचिन पायलट के पीछे पड़ने के साथ खिंचतान में निकाल दिए. पांच साल के दौरान विधायकों को लूट की छूट दे रखी थी. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार में पांच साल लूट मची रही. भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए योजना भवन में गोल्ड और कैश मिलने का भी जिक्र किया. नड्डा ने लाड डायरी का जिक्र करते हुए कहा कि लाल डायरी को लेकर एक मंत्री को बाहर का रास्ता दिखा दिया, लेकिन भरतपुर के एक विधायक के पति जो रेप और मर्डर का आरोपी है. उसे बचाया जा रहा है. नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी निशाने पर लिया. नड्डा बोले कि राहुल की बहन किसी राज्य में महिला उत्पीड़ित हो तो पहुंच जाती है, लेकिन राजस्थान में पीड़िताओं से मिलने नहीं बल्कि रणथम्भोर घूमने आती है.
समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यो का जिक्र किया. वसुंधरा राजे ने कहा कि वादे करने बहुत आसान होते हैं, लेकिन उनको पूरा करना मुश्किल. हमने पीने का पानी, सिंचाई का पानी, बिजली और सड़कों समेत कई काम किए थे. वसुंधरा राजे ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम जानते थे कि कमर्शियल बैंक का कर्जामाफ हो ही नहीं सकता है. इन्होंने दस दिनों में कर्जमाफी का वादा किया था. इसके कारण से प्रदेश में विकास के काम रुक गए. आज राजस्थान का पूरा खजाना खत्म होने की कगार पर हैं.
समारोह में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने संबोधित करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर निशाने साधे. राठौड़ ने गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि दुनिया का हर पंद्रहवां पर्यटक राजस्थान आता था, लेकिन दहशतगर्दी के कारण पर्यटन प्रभावित हुआ है. पिछले 15 दिनों में प्रदेश में दो बडी घटना हुई. कुचामन में दलित को कुचल के मार दिया, लेकिन मुआवजे के लिए आनाकानी की गई. मगर सुभाष चौक की घटना पर 50 लाख का मुआवजा दे दिया गया. भरतपुर के संत विजयदास को ना मुआवजा दिया ना बात की गई. वहीं सीपी जोशी ने भी कहा कि ऐसा राजस्थान जहां धर्म के आधार पर मुआवजा नहीं मिले. ऐसा राजस्थान जहां साधु-संत की हत्या हो जाए. ऐसे में राज्य की क्या स्थिति होगी. राजस्थान देश का अग्रिणी राज्य बन सकता है, लेकिन राजस्थान की सरकार कुछ भी नहीं कर पाई. सरकार आने पर सरकार में जो भी मुखिया होगा. उनके सुझावों को प्राथमिकता से लेगी.
अभियान की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री और संकल्प पत्र समिति के संयोजक अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि अभियान के दौरान डेढ़ करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह अभियान 20 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें 51 रथ 200 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर शहर, गांव और ढाणी तक जाकर सुझाव लेंगे. बता दें बीजेपी का अभियान अगले 15 दिनों तक चलेगा. इस दौरान प्रदेशभर में सुझाव लेकर पार्टी एक माहौल खड़ा करने की कोशिश कर रही है. रथ जितनी जगह जाएंगे, उतनी जगहों पर पार्टी का प्रचार-प्रसार होगा. अब देखना होगा कि इस अभियान के दौरान कितने सुझाव आते हैं और पार्टी कितने सुझावों को संकल्प पत्र में शामिल करती है.