नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 27 अप्रैल को नई दिल्ली में स्टेट काउंसिलर और चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू से मुलाकात की। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास के बारे में खुलकर चर्चा की। गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अध्यक्ष के रूप में भारत 28 अप्रैल को नई दिल्ली में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करने जा रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ बैठक से पहले गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष जनरल ली शांगफू के साथ यह द्विपक्षीय वार्ता की है। द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों का विकास, सीमाओं पर शांति और शांति के प्रसार पर आधारित है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी पर सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुसार हल करने की जरूरत है। उन्होंने दोहराया कि मौजूदा समझौतों के उल्लंघन ने द्विपक्षीय संबंधों के आधार को नष्ट किया है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डेपसांग मैदानी क्षेत्र में डी-एस्केलेशन और विवादास्पद मुद्दों का हल तलाशने के लिए भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता भी हो चुकी है। रविवार को दोनों देशों के कोर कमांडरो के बीच यह वार्ता हुई थी। भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की मौजूदा वार्ता से पहले दिसंबर 2022 में यह वार्ता हुई थी।
कई दौर की बातचीत से सैनिकों ने एलएसी के साथ कई स्थानों से वापसी की है। लेकिन कुछ फॉरवर्ड पोस्ट पर अभी भी बख्तरबंद गाड़ियों, तोपखाने वाने सैन्य उपकरणों के सेनाएं तैनात हैं। भारत ने चीन से सेना के डी-एस्केलेशन करने को कहा है। भारत का पक्ष यह है कि यहां फॉरवर्ड पोस्ट पर स्थिति अप्रैल 2020 से पहले के अनुसार होनी चाहिए। भारत में चीन से कहा कि क्षेत्र में सभी अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों की वापसी करनी होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 27 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में कजाखिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रुसलान जाक्सिल्यकोव और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिजरे के साथ भी अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं। दोनों रक्षा मंत्रियों से विचार-विमर्श के दौरान कजाखिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ भारत के रक्षा सहयोग के पूरी विस्तृत श्रृंखला की समीक्षा की गई। इस दौरान पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का विस्तार करने के तौर-तरीकों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में आपसी हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 28 अप्रैल, 2023 को आयोजित होने वाली रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए सभी रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह के निमंत्रण पर दिल्ली आ रहे हैं।