Ram Navami : राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचन्द्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्रेश्टी यज्ञ (पुत्र प्राप्ती यज्ञ ) कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। सूर्य के तेज़ से देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था।जब भी हम किसी मंत्र का माला से जाप करते हैं, तो 108 बार करते हैं क्योंकि एक माला में 108 मनके होते हैं.
108 की संख्या को बेहद शुभ माना गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि राम-राम कह देने भर से 108 का योग बन जाता है. यानी राम-राम साथ बोलना ही एक माला के समान माना गया है.
राम” यह नाम वास्तव में श्री हरि विष्णु से जुड़ा हुआ है। उन्हीं के नाम पर महर्षि जमदग्नि के सबसे छोटे बेटे का नाम राम रखा गया था, श्री हरि के नाम पर ही अयोध्याके राजा दशरथ के सबसे बड़े बेटे का नाम राम रखा गया था एवं उन्हीं के नाम पर ही रोहिणी के इकलौते बेटे का नाम भी राम ही रखा गया था।।
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रिपोर्ट- मेघा गंगवार