नगरीय निकाय निर्वाचन 2022 के लिए नवसृजित व सीमा विस्तारित नगरीय निकायों में पिछड़े वर्गों की संख्या का अवधारण के लिए होगा दु्रत सर्वे
लखनऊ: प्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय निर्वाचन 2022 के प्रयोजनार्थ नवसृजित व सीमा विस्तारित नगरीय निकायों में पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों की संख्या का अवधारण किए जाने के संबंध में दु्रत सर्वे (रैपिड सर्वे) कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इससे संबंधित 55 जनपदों के जिलाधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं और कहा है कि जिलाधिकारी स्वयं अपनी देखरेख में सर्वे के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने जनपद में पिछड़े वर्ग की जातियों का सर्वे कराकर वार्ड वार जनसंख्या के अवधारण की कार्यवाही पूर्ण कराकर 15 जुलाई 2022 तक संबंधित अभिलेख निदेशक, नगर निकाय निदेशालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
पिछड़े वर्ग की जातियों की जनगणना कार्य हेतु निर्धारित समय सीमा में 25 जून 2022 से पूर्व संबंधित जनपद में प्रभारी अधिकारी/पर्यवेक्षक/प्रगणक की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण का कार्य कराया जाएगा। 26 जून से अन्य पिछड़े वर्ग की द्रुत (रैपिड) गणना की शुरुआत की जाएगी। प्रगणक एवं पर्यवेक्षक द्वारा अपने जनपद मंे 7 दिवस में अर्थात 01 जुलाई 2022 तक गणना का कार्य पूर्ण करना होगा। अगले 2 दिवस में अर्थात 03 जुलाई तक नगरीय निकाय स्तर पर विहित कार्य किए जाएंगे और अगले 2 दिवस में अर्थात 05 जुलाई तक जिला स्तर पर इससे संबंधित विहित कार्य किए जाएंगे। अगले 05 दिवस में अर्थात 10 जुलाई तक संबंधित वार्डों में पिछड़ी जातियों की अवधारित जनसंख्या की सूचना का अनंतिम प्रकाशन एवं उन पर आपत्तियों के निस्तारण का कार्य किया जाएगा।
साथ ही अगले दो दिवस में अर्थात 12 जुलाई तक प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण की कार्रवाई की जाएगी। इसके पश्चात अगले दो दिवस में अर्थात 14 जुलाई, 2022 तक पिछड़ी जातियों की जनसंख्या से संबंधित सूचना का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। यह भी निर्देशित किया गया है कि पिछड़ी जातियों की जनगणना कार्य हेतु तैयार किये गये प्रपत्रों के मुद्रण का कार्य जिलाधिकारी स्वयं अपनी अथवा किसी वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख में करायेंगे और प्रपत्रों की सत्यता के लिए वे स्वयं उत्तरदायी होंगे। इस कार्य में किसी भी स्तर पर की गई त्रुटि, असावधानी या कार्य के प्रति उपेक्षा पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
ज्ञातव्य है कि नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2017 के पश्चात वर्ष 2018 से अब तक कुल 87 नागर निकायों (83 नगर पंचायत, 03 नगर पालिका परिषद, 01 नगर निगम) का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त कुल 66 नगरीय निकायों (36 नगर पंचायत, 22 नगर पालिका परिषद, 08 नगर निगम) का सीमा विस्तार किया गया है। इस प्रकार वर्तमान में कुल 153 नगर निकायों के क्षेत्रों/सीमाओं में परिवर्तन हुआ है। इन सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों में पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों की संख्या का निर्धारण कर इन नगरीय निकायों की कुल जनसंख्या के अनुपात में पिछड़ी जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जायेगा।