नई दिल्ली : रवींद्र जडेजा के ऑलराउंड खेल के दम पर चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल मैच (ipl match)में पंजाब किंग्स को 28 रन से हराकर प्लेऑफ में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को मजबूत किया। जडेजा ने 26 गेंद में तीन चौके और दो छक्के की मदद से 43 रन बनाने के बाद चार ओवर में महज 20 रन खर्च कर 3 विकेट झटके जिससे पंजाब के खिलाफ लगातार 5 हार के बाद सीएसके ने जीत का स्वाद चखा। सीएसके ने 11 मैच में छठी जीत के बाद तालिका में शीर्ष चार में अपनी वापसी की जबकि 11 मैचों में सातवीं हार के बाद पंजाब की प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। जडेजा को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। इसके साथ जडेजा ने साथी खिलाड़ी एमएस धोनी का बड़ा रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सीएसके ने पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद 9 विकेट पर 167 रन बनाए। इसके बाद पंजाब की पारी को 9 विकेट पर 139 रन पर रोककर टीम के खिलाफ 4 दिन पहले मिली हार का हिसाब बराबर किया। रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर खेलते हुए 16वीं बार प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। यह सीएसके के खिलाड़ का सर्वाधिक है। इससे पहले यह रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धोनी के नाम था जिन्होंने सीएसके के लिए 15 बार प्लेयर ऑफ द मैच बने थे। इस लिस्ट में जडेजा और धोनी के बाद तीसरे नंबर पर सुरेश रैना हैं। रैना ने सीएसके की ओर से खेलते हुए 12 बार इस अवॉर्ड को जीता है जबकि सीएसके के वर्तमान कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ 11 और माइकल हसी ने 10 बार जीते हैं।
पंजाब किंग्स के खिलाफ 28 रन से जीत दर्ज करने के बाद जडेजा ने कहा कि उनकी टीम ने 15-20 रन कम बनाए लेकिन टीम की अनुशासित गेंदबाजी की प्रशंसा की। प्लेयर ऑफ द मैच चुने जाने के बाद रवींद्र जडेजा ने कहा, ‘हमें लगा था कि हमने स्कोर में 15-20 रन कम बनाये लेकिन हमने पावरप्ले और बीच के ओवरों में ढीली गेंदें नहीं फेंकी। तेज गेंदबाजों ने पावरप्ले में अच्छी गेंदबाजी की। तुषार देशपांडे ने दो महत्वपूर्ण विकेट लिए और फिर बीच के ओवरों में मिचेल सैंटनर और मैंने भी अच्छी गेंदबाजी की।’
जडेजा ने 26 गेंद में 43 रन की महत्वपूर्ण पारी ऐसे समय में खेली जब पंजाब किंग्स लगातार विकेट झटक रही थी।उन्होंने कहा कि बीच के ओवरों में बल्लेबाजी करना मुश्किल था। जडेजा ने कहा, ‘यह दिन का मैच था इसलिए विकेट धीमा था। हमेशा की तरह ऐसी ही उम्मीद थी क्योंकि बहुत गर्मी थी। पावरप्ले में पिच हमेशा सपाट लगती है। लेकिन जब गेंद पुरानी हो जाती है तो यह बल्ले पर नहीं आती। जब आप किसी नये स्थान पर खेलते हैं तो आप नहीं जानते कि गेंद कितनी घूमेगा या रूक कर आएगी।’