नई दिल्ली. अगर आपका बैंक अकाउंट किसी को-ऑपरेटिव बैंक में है तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. बैंकों को पिछले कुछ सालों से रिजर्व बैंक की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. इसी का असर है कि आरबीआई ने कुछ बैंकों के लाइसेंस तक रद्द कर दिये. इतना ही नहीं कुछ बड़े बैंकों पर केंद्रीय बैंक ने भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया है. रिजर्व बैंक की कार्रवाई में सबसे ज्यादा नुकसान का सामना को-ऑपरेटिव बैंकों को करना पड़ रहा है.
आरबीआई की तरफ से 31 मार्च को खत्म वित्तीय वर्ष 2022-23 में आठ को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. नियमों का पालन नहीं करने पर इन बैंकों पर रिजर्व बैंक ने 114 बार पेनाल्टी भी लगाई है. आपको बता दें को-ऑपरेटिव बैंकों के जरिये ग्रामीण इलाकों में तेजी से बैंकिंग सर्विस का विस्तार हुआ है. लेकिन इन बैंकों में सामने आ रही अनियमितताओं के चलते आरबीआई को कठोर कदम उठाना पड़ा है.
को-ऑपरेटिव बैंक दोहरे नियमन और कमजोर फाइनेंस के अलावा स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप का सामना कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ने नियमों में लापरवाही बरतने वाले सहकारी बैंकों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है. बीते एक साल में आठ बैंकों के परमिट रद्द किए गए हैं. आइए जानते हैं आरबीआई की तरफ से किन बैंकों के परमिट रद्द किए गए?
1. मुधोल को-ऑपरेटिव बैंक
2. मिलथ को-ऑपरेटिव बैंक
3. श्री आनंद को-ऑपरेटिव बैंक
4. रुपी को-ऑपरेटिव बैंक
5. डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक
6. लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक
7. सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक
8. बाबाजी दाते महिला अर्बन बैंक
आरबीआई की तरफ से ऊपर बताए गए बैंकों के लाइसेंस अपर्याप्त पूंजी, बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के नियमों का पलान नहीं करने के कारण किए गए. साथ ही भविष्य में इनकम की संभावनाओं की कमी जैसे कारणों से भी रद्द किए. आरबीआई की तरफ से पिछले कई साल से को-ऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर पर नजर रखी जा रही है. केंद्रीय बैंक ने साल 2021-22 में 12 को-ऑपरेटिव बैंक, 2020-21 में 3 को-ऑपरेटिव बैंक और 2019-20 में दो को-ऑपरेटिव बैंक के लाइसेंस रद्द कर चुका है.