राम मंदिर के उद्घाटन में 160 देशों के प्रतिनिधि आएंगे अयोध्या

0 93

अयोध्या : अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर निर्माणाधीन भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दुनिया के 160 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से देशभर के विभिन्न मत, पंथ, सम्प्रदायों के प्रमुख संतों के अलावा विदेशों में रहने वाले हिंदू संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आमंत्रण भेजा जाएगा। ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारी के अनुसार राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 136 सनातन परम्पराओं के 25 हजार हिंदू संतों को आमंत्रित किया जाएगा। इस अवसर पर 160 देशों के अतिथि भी कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। विदेश में रहने वाले हिंदू अब राम मंदिर के लिए चंदा भी दे सकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत आवश्यक अनुमति दे दी है।

विश्व हिंदू परिषद पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि श्रीराम जन्मभूमि से पूजित अक्षत एक से 15 जनवरी तक पूरे भारत के पांच लाख गांवों में वितरित किया जाएगा। नवंबर में एक बैठक होगी जिसमें देशभर के सभी प्रांतों के पदाधिकारी अयोध्या आएंगे। उक्त पदाधिकारी श्रीराम जन्मभूमि से पूजित अक्षत अपने-अपने प्रांतों में लेकर जाएंगे। इसके बाद प्रांत की योजना के अनुसार संगठन के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अयोध्या आने का आमंत्रण देंगे।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के निवास व भोजन की व्यवस्था भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करेगा। राम मंदिर उद्घाटन से पहले 30 दिनों तक हर दिन एक लाख लोगों को भोजन कराया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या के कई स्थानों पर टेंट सिटी निर्माण का कार्य भी चल रहा है। कार्यक्रम के लाइव प्रसारण व एवं कवरेज के लिए दुनिया भर से 10 हजार पत्रकार अयोध्या आएंगे। कार्यक्रम कवरेज करने वाले पत्रकारों के लिए ट्रस्ट की ओर से पास जारी होंगे। इसके अलावा श्रीराम मंदिर आंदोलन के समय रिपोर्टिंग कर चुके पत्रकारों को भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बुलाया जाएगा। इसकी सूची तैयार हो चुकी है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.