रिपब्लिकन पार्टी की भारतीय-अमेरिकी नेता निक्की हेली ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया

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मिलवाउकी : रिपब्लिकन पार्टी की भारतीय मूल की नेता निक्की हेली ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है जिससे प्राइमरी चुनाव के दौरान उनकी कटु प्रतिद्वंद्विता के बाद अब एकता का संदेश मिलता है।

हेली (52) ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए ट्रंप (78) को चुनौती दी थी तथा महीनों तक उनके खिलाफ प्रचार किया था लेकिन बाद में इस दौड़ से हटने की घोषणा की थी। उन्होंने पिछले सप्ताह अपने 97 डेलीगेट को पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में ट्रंप के लिए वोट करने का निर्देश दिया था और पार्टी में एकता का आह्वान किया था। हेली ने यहां मिलवाउकी में ‘रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन’ में दिए अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं एक बात बिल्कुल स्पष्ट करना चाहूंगी। डोनाल्ड ट्रंप को मेरा पुरजोर समर्थन प्राप्त है।’’

इस सम्मेलन में पर्याप्त संख्या में ‘डेलीगेट’ (मतदाताओं के समूह का प्रतिनिधित्व करने वाला व्यक्ति) के वोट हासिल करने के बाद ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार बन गए हैं। वह बृहस्पतिवार को नामांकन स्वीकार करने हुए अपना संबोधन देंगे। हेली ने हजारों डेलीगेट और पार्टी नेताओं से कहा कि ट्रंप देश के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं और रिपब्लिकन नेता निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन को हराने के लिए एकजुट हैं।

उन्होंने अपने भाषण में पूर्व राष्ट्रपति की विदेश नीति का बचाव किया और उनसे कुछ मुद्दों पर असहमति रखने वाले मतदाताओं से सीधे बात की। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अमेरिकी हैं जो डोनाल्ड ट्रंप से 100 फीसदी सहमत नहीं है। उन्हें मेरा संदेश स्पष्ट है : ट्रंप के लिए वोट करते समय आपको उनसे 100 फीसदी सहमत होने की जरूरत नहीं है।’’

हेली ने कहा, ‘‘हमारा देश एक अहम मोड़ पर है। हमें किसी को चुनना होगा। एक साल से अधिक वक्त से मैंने कहा है कि जो बाइडन के लिए वोट करने का मतलब कमला हैरिस के लिए वोट करना है। हमारे देश की खातिर हमें डोनाल्ड ट्रंप को चुनना होगा।’’ हेली के भाषण के वक्त ट्रंप सम्मेलन केंद्र में मौजूद थे। जब हेली ने भाषण शुरू किया तो ट्रंप और सीनेटर जे डी वेंस ने उनके सम्मान में खड़े होकर तालियां बजायीं।

भारतीय-अमेरिकी नेता ने कहा, ‘‘जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया पर आक्रमण किया। जब जो बाइडन राष्ट्रपति हैं तो पुतिन ने पूरे यूक्रेन पर ही हमला कर दिया। लेकिन जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे तो पुतिन ने कुछ नहीं किया। कोई आक्रमण नहीं, कोई युद्ध नहीं। पुतिन ने यूक्रेन पर हमला नहीं किया क्योंकि वह जानते थे कि डोनाल्ड ट्रंप सख्त हैं। एक मजबूत राष्ट्रपति युद्ध शुरू नहीं करता है। एक मजबूत राष्ट्रपति युद्ध रोकता है।’’

भारतीय-अमेरिकी उद्यमी से नेता बने विवेक रामास्वामी ने भी सम्मेलन से पहले देशवासियों से ट्रंप के लिए वोट करने को कहा। उन्होंने कहा कि ट्रंप ऐसे राष्ट्रपति होंगे जो असल में देश को एकजुट करेंगे और वह भी महज बातों से नहीं, बल्कि कुछ कर दिखाने के बाद।

भारत एक ‘‘रणनीतिक’’ साझेदार है और अमेरिका इस साझेदारी को आगे बढ़ाते रहने के लिए उत्सुक है। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने यह बात कही। वाशिंगटन में संवाददाताओं से मुखातिब पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भारत एक रणनीतिक साझेदार है और हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाते रहने के लिए उत्सुक हैं।”

यूक्रेन-रूस संघर्ष से जुड़े एक सवाल पर राइडर ने कहा, ‘‘बात जब यूक्रेन और यूक्रेनी क्षेत्र पर रूस के अवैध कब्जे तथा आक्रमण की आती है, तो अंतत: यह तय करने की जिम्मेदारी यूक्रेन पर है कि वह कब शांति के लिए समझौता करने को तैयार है।’’

राइडर ने कहा, ‘‘अभी हमारा ध्यान यूक्रेन की मदद करने पर केंद्रित है, ताकि हम उसे वह सब कुछ उपलब्ध करा सकें, जिसकी जरूरत उसे अपने क्षेत्र की रक्षा करने, अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस लेने के लिए है। हालांकि, अंतत: यूक्रेन के बिना यूक्रेन के बारे में कोई भी फैसला नहीं लिया जा सकता।’’

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