तापमान में गिरावट से हृदयघात का खतरा, 40% मरीजों की करवाना पड़ रही ईसीजी

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भोपाल: राजधानी में इन दिनों दिया है। अस्पताल पहुंच रहे मरीजों में से अधिकतर में हृदय रोग के लक्षण मिल रहे हैं। यही कारण है, डॉक्टर्स को सौ में से 40 मरीजों की ईसीजी कराना पड़ रही है। चिकित्सक भी कोरोना संक्रमित हो चुके या दिल की पुरानी बीमारी से ग्रसित मरीजों को इस सीजन में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। लकवा, हृदयघात, ब्रेन स्ट्रोक जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसके मुख्य कारण सर्दी का बढऩा और ब्लड क्लॉटिंग है।

लकवे के 30% केस रात 2 से सुबह 9 बजे के बीच
अस्पताल या क्लीनिक पर डॉक्टर्स के पास आने वाले मरीजों में से अधिकतर में हृदय संबंधित समस्या अधिक मिल रही है। हमीदिया और जेपी अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों में से जांच के लिए करीब 40 फीसदी की ईसीजी, ईको या सिटी स्कैन आदि कराना पड़ रहा है। हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरएस मीणा ने बताया कि इस समय जितने केस आ रहे हैं, वह सर्दी से जुड़े हैं, जिन्हें हार्ट की समस्या है, उनकी सबसे पहले ईसीजी कराना जरूरी होता है, इसके बाद ही इलाज संभव है। वहीं न्यूरोसर्जन डॉ. आईडी चौरसिया ने बताया कि लकवे के मामलों में 30 फीसदी केस रात 2 से सुबह 9 बजे के दौरान होते हैं। हृदय की पुरानी बीमारी से ग्रसित या अन्य मरीजों को इस समय का ध्यान रख सावधानी बरतें।

ये रखें ध्यान…

जिन लोगों को दिल की पुरानी बीमारी, पूर्व में हृदयघात की समस्या, कोरोना संक्रमण, शुगर-बीपी की समस्या है समय-समय पर जांच करवाएं।
सुबह जल्दी बाहर न निकलें। देर रात बाहर न घूमें।
जहां तक संभव हो कमरे में टॉयलेट की सुविधा रखें। बाहर न निकलें।
शौच आदि के लिए रात में या सुबह जल्द एकदम बिस्तर से न निकलें। कुछ मिनट लेटे रहें, फिर कुछ समय बैठे और इसके बाद टॉयलेट जाएं।
शुगर-बीपी के मरीज अपनी दवा नियमित लें।

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