प्नसाद (बदला हुआ नाम) हर महीने कुछ पैसे अपनी सैलरी से बचाकर अपने बैंक अकाउंट में डालते। वो घर खरीदने के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे थे। बैंक में करीब 18 लाख रूपये हो चुके थे। प्रसाद और उनकी पत्नी बेहद खुश थे। उनको लगा कि जल्द वो थोड़ा लोन लेकर अपना खुद का घर खरीद पाएंगे। प्रसाद को प्राइवेट बैंक पर बिल्कुल भरोसा नहीं था इसलिए उन्होंने सरकारी बैंक भी चुना, लेकिन कुछ दिन पहले उस वक्त उनके होश उड़ गए जब उन्हें पता चला कि उनके अकाउंट में एक भी रुपया नहीं है। उनका बैंक अकाउंट खाली हो चुका था। वही सरकारी बैंक जिसपर उन्हें इतना भरोसा था।
हैरान मत होइए, ये खबर हर उस खाताधारक के लिए है जिसका अकाउंट पंजाब नेशनल बैंक में है। सरकारी बैंक के विश्वास में लोग इस बैंक की तरफ ज्यादा जाते हैं, लेकिन पीएनबी बैंक से एक बेहद बुरी खबर है। पीएनबी बैंक की एक ब्रांच में 12 करोड़ की धांधली हुई है और इस फ्रॉड को अंजाम दिया है खुद इस बैंक के मैनेजर ने। मैनेजर लंबे समय से बैंक में लोगों और कंपनियों के खातों से पैसा निकालता रहा और पैसे को शेयर मार्केट में इनवेस्ट करता रहा।
ये घटना है केरल की एक पंजाब नेशनल बैंक की एक ब्रांच की। जहां सैकड़ों लोगों ने अपने खाते खुलवाए हुए थे। इस ब्रांच में कोझिकोड निगम के भी कई खाते थे जिसमें रोज लाखों का लेनदेन होता था। कोझिकोड निगम को कुछ दिनों तक तो शुरू कुछ पता नहीं चला, लेकिन बाद में निगम को अपने खातों में गड़बड़ी की आशंका दिखी। निगम अपने सारे खातों और लेन-देन की ट्राजेक्शन को खंगाला तो सामने आया पंजाब नेशनल बैंक का फ्रॉड। निगम के 15 करोड़ रुपये गायब थे।
क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज हुआ। केस की जांच की गई तो पता चला कि बैंक में मौजूद कई अकाउंट से करोड़ों रुपये निकाले गए थे। जिसमें निगम के अलावा कुछ पर्सनल लोगों के भी खाते थे। जांच की गई तो इसके पीछे सीनियर बैंक मैनेजर एम.पी. रिजिल का हाथ पाया गया। जैसे ही धोखाधड़ी के खुलासे की खबर सामने आई मैनेजर एम पी रिजिल फरार हो गया। पीएनबी की इस ब्रांच में हुए फ्रॉड की खबर खाताधारकों को मिली तो उनमें भी हड़कंप मच गया।
हालांकि अच्छी बात ये थी कि इस फ्रॉड से निगम के अलावा ज्यादा खाताधारक प्रभावित नहीं हुए। एक खाताधारक के अकाउंट से 18 लाख निकाले जाने की पुष्टि हुई है। बैंक मैनेजर काफी समय से अकाउंट में गड़बड़ी कर रहा था। बैंक में सबसे सीनियर अधिकारी होने की वजह से किसी ने उससे पूछताछ भी नहीं की। बताया जा रहा है कि उसने सारे अकाउंट से पैसा निकालकर करीब 12 करोड़ रुपये शेयर मार्केट में इनवेस्ट कर दिया है।
इसके अलावा ये भी खबर सामने आ रही है कि बैंक मैनेजर को रमी यानी जुआ खेलने की आदत थी। शेयर मार्केट में इनवेस्ट करने के अलावा उसने कुछ पैसा रमी खेलने में भी खर्च किया है। इस घटना के खुलासे के बाद बैंक मैनेजर करीब एक हफ्ते तक पुलिस से बचता रहा, लेकिन कल आखिरकार उसे केरल के चैथमंगलम से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस इस मामले में पूछताछ कर रही है।