मुंबई : साल 1999 के विमान हाइजैक की घटना पर अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज ‘IC 814: द कंधार हाइजैक’ में आतंकवादियों के हिन्दू नामों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर वेब सीरीज के बायकॉट की मांग के बाद अब इस विवाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की भी एंट्री हो गई है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने जानबूझकर आतंकवादियों की मुस्लिम पहचान हिंदू नामों से छिपाने की कोशिश की है।
पांच आतंकवादियों ने 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली की उड़ान के दौरान आईसी 814 विमान का अपहरण कर लिया था। आतंकवादियों के नाम इब्राहिम अतहर, सनी अहमद काजी, जहूर इब्राहिम, शाहिद अख्तर और सईद शाकिर थे। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमिल मालवीय ने कहा, ‘IC-814 के हाइजैकर्स दुर्दांत आतंकवादी थे, जिन्होंने उनकी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए अलग नाम रखे। फिल्ममेकर अनुभवन सिन्हा ने गैर-मुस्लिम नामों को आगे बढ़ाते हुए उनकी आपराधिक मंशा को वैध कर दिया। इसका नतीजा क्या होगा? दशकों बाद लोगों को लगेगा कि हिंदुओं ने IC-814 हाइजैक की थी।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘पाकिस्तानी आतंकवादियों के अपराधों को छिपाने का लेफ्ट का एजेंडा पूरा हो गया है। इस सिनेमा की ताकत है, जिसका 70 के दशक से वामपंथी इस्तेमाल कर रहे हैं। शायद इससे भी पहले से। यह सिर्फ भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाएगा या कमजोर करेगा, बल्कि दोष को उन लोगों से दूर कर देगा, जो इस रक्तपात के लिए जिम्मेदार हैं।’ इस सीरीज में आतंकवादियों के नाम भोला, शंकर, डॉक्टर, बर्गर और चीफ रखे गए हैं। सीरीज में दिखाया गया है कि आतंकवादियों के कोडनैम थे। हालांकि, हाइजैक करने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से थे। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, दिया मिर्जा, अरविंद स्वामी, विजय वर्मा, पंकज कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, हाइजैक करने वाले आतंकवादियों के नाम बहवलपुर का इब्राहिम अतहर, कराची के शाहिद अख्तर सईद, कराची के सनी अहमद काजमी, कराची के मिस्त्री जहूर इब्राहिम और सुकूर सिटी के शाकिर थे। विदेश मंत्रालय ने बताया है, ‘…इन हाईजैकर्स को चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर नाम से जाना जाता है, जिसकी मदद से ये हाइजैकर्स एक-दूसरे को संबोधित कर रहे थे।’
कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा ने रविवार को दावा किया कि अपराधियों ने एक-दूसरे के लिए नकली नामों का इस्तेमाल किया था और शो के लिए रिसर्च की गई थी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपहर्ताओं के नामों के बारे में बहुत सारे ट्वीट पढ़ रहा हूं। हमने उचित शोध किया। वे एक-दूसरे को उन नामों (उपनाम या नकली नाम) से पुकारते थे। आप उन्हें जो भी नाम देना चाहें।’ फिल्म का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है।