कीव/मॉस्को: रूस के कुर्स्क में यूक्रेनी सेना की घुसपैठ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गई है। अगस्त की शुरुआत में रूसी क्षेत्र में घुसी सैनिकों को अब तक पुतिन की सेना पीछे नहीं कर पाई है। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का नया मोर्चा खोलने का प्लान कामयाब होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि रूस ने कुर्स्क में नई अंग्रिम पंक्ति में करीब 30,000 सैनिकों को तैनात किया है। द सन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि संभवतः पुतिन ने अपने सहयोगी बेलारूस से भी अतिरिक्त सैन्य मदद मंगवाई है, क्योंकि ‘B’ चिह्नों वाले बेलारूसी टैंक यूक्रेन की सीमा पर दिखाई दिए हैं।
यूक्रेन की सेना ने 6 अगस्त को पहली बार रूसी क्षेत्र में प्रवेश किया था। इसके बाद यूक्रेनी सैनिकों ने कुर्स्क के अंदर 1294 वर्ग किमी के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। तीन सप्ताह के अंदर क्षेत्र में शहरों और बस्तियों को मिलाकर कुल 100 सेटलमेंट पर यूक्रेनी सैनिकों का कब्जा है। इस बीच जेलेंस्की की सेना ने बेलगोरोड क्षेत्र में सीमा चौकियों पर भी हमला किया है। साथ ही पुतिन के एक और शहर में घुसने की कोशिश की है।
हमलों से तिलमिलाए व्लादिमीर पुतिन इसे रोकने के लिए सहयोगी बेलारूस के टैंकों और सैनिकों का इस्तेमाल करते हुए एक नए हमले की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीरों में भारी ड्यूटी टैंकों और बख्तरबंद ट्रकों की कतारें दिखाई दे रही हैं, जिन्हें यूक्रेन की सीमा के पास जमा किया जा रहा है। सुरक्षा थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के अनुसार, पुतिन नई सेना की धमकी देकर यूक्रेन सैनिकों को पीछे हटने की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन यूक्रेन ने दबाव में आने के बजाय बेलारूस के तानाशाह अलेक्जेंडर लुकाशेंकों को तीखी चेतावनी दे डाली है।
यूक्रेन ने कहा है कि अगर लुकाशेंको सैनिकों को भेजते हैं कि बेलारूस में सैन्य अड्डे और सप्लाई मार्ग यूक्रेन के सशस्त्र बलों के निशाने पर होंगे। कीव के कमांडर इन चीफ ओलेक्सेंडर सिरस्की ने इस सप्ताह बताया था कि कुर्स्क में भेजे जा रहे रूसी सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि दुश्मन बहुत बड़ी कीमत चुकाते हुए बढ़ रहा है। हर दिन यूक्रेनी सैनिक मोर्च पर 300 से ज्यादा रूसी सैनिकों को मारते या घायल करते हैं।