Russia-Ukrain crisis दुनिया भर में हर तरफरूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से हलचल बनी हुई है। सबकी नजरें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक्शन और यूक्रेन के रिएक्शन पर टिकी हुई है। रूस ने 24 फरवरी को सुबह यूक्रेन पर हमला बोला जिसमें राजधानी कीव सहित कलयुग रेनी शहरों में भारी विस्फोट होने की सूचना मिली। इसी उथल-पुथल के बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में हवाई हमले के सायरन बजते हुए दिखाई दिए।
पुतिन ने इस हमले को यूक्रेन के लोगों की रक्षा करने के लिए एक विशेष सैन्य अभियान करार दिया है। साथ ही यूक्रेन की सेना से अपने हथियार डालने का आह्वान भी किया है।
इसी अफरा-तफरी के बीच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है जिससे भारत सहित कई देशों के नागरिकों के निकलने में कठिनाई हो रही है। एयर इंडिया की एक फ्लाइट एआई 1947 जोकि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेने के लिए की जा रही थी। कीवी एयरपोर्ट के बंद होने के कारण वापस लौट आई।
हालांकि राष्ट्रपति पुतिन ने एक बयान में कहा है कि उनके आक्रमण करने के पीछे की वजह यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है। उनका उद्देश्य यूक्रेन को De militarize और de nazify करना है।
साथ ही पुतिन ने यह चेतावनी दी है कि किसी ने भी हमारे देश और हमारे लोगों के लिए खतरा पैदा करने की कोशिश की या बीच में टांग अड़ाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जायेगा।
रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन में स्थिति काफी भयावह है। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के सलाहकार के अनुसार 40 से अधिक योगिनी सैनिक मारे गए हैं और 12 से अधिक घायल हो गए।
साथ ही यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के साथ सभी राजनयिक संबंधों को तोड़ने की घोषणा भी कर दी है। उन्होंने यूक्रेन के नागरिकों को आश्वासन भी दिया है कि वह घबराएं नहीं यूक्रेन अपनी रक्षा करेगा।साथ ही अपने बयान में उन्होंने कहा कि जो भी देश की रक्षा करना चाहता है हम उसे हथियार देंगे।
यह एकदम स्पष्ट है कि रूस के पास यूक्रेन की तुलना में कहीं अधिक सैन्य क्षमता है जो भूमि हवा और समुद्र को कवर करती है। रूस में लगभग 9 लाख सक्रिय सहकर्मी है जबकि यूक्रेन में करीबन 1 लाख 96 हजार 600 सैन्य कर्मी मौजूद है जो की यूक्रेन की तुलना में काफी कम है। ऐसे में यूक्रेन के सर पर खतरे की घंटी लटक रही है।
वहीं नौ सेना की बात करे तो रूस में यूक्रेन की तुलना में नौ सेना के कर्मियों की संख्या 10 गुना अधिक है। रूस के पास करीबन 74 wareships और 51 subnarines हैं जबकि यूक्रेन के पास मात्र 2 wareship उपलब्ध है।
ऐसे में यूक्रेन लगातार रूस पर हमला करते दिखाई दे रहा है। हर तरफ मौत का मंजर है। देखने वाली बात ये होगी की ये युद्ध आने वाले समय में किस तरह का मोड़ लेगा और क्या रूस अपने इन प्रयासों से यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोक पायेगा?
Russia-Ukrain crisis
:V Nation News Report: