Russia-Ukraine crisis रोमानिया बॉर्डर पर छात्राओं की दो डिग्री सेल्सियस में खड़े-खड़े बीती रात
रोमानिया बार्डर पर फंसे अलीगढ़ के छात्राओं ने बतया की (Russia-Ukraine crisis) रोमानिया बार्डर पर कल शाम चार बजे पहुंच गए थे। इसके बाद पूरी रात दो डिगी सेल्सियस के बीच खुले आसमान के नीचे बार्डर पर ही खड़ा रहना पड़ा। रविवार को सुबह नौ बजे कुछ भारतीयों को एंट्री मिल पाई। यहां हालात बहुत खराब हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine crisis)को तीन दिन बीत चुके हैं। ऐसे में यूक्रेन में फंसे बच्चों की जहां दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं तो अलीगढ़ में रहने वाले उनके परिजनों का भी हाल-बेहाल है। यूक्रेन के इवानो शहर से तीन बसों से भारतीय छात्र-छात्राएं रोमानिया बार्डर शनिवार शाम ही पहुंच गए थे। इसमें शामिल अलीगढ़ के छात्र-छात्राओं ने बताया कि बार्डर पर हजारों लोग एकत्रित थे।
पूरी रात सड़क पर ही लगेज के साथ खड़े-खड़े बितानी पड़ गए। खाने का सामान न होने पर पानी पीकर ही भूख मिटाई। बार्डर पर पहले यूक्रेनियन को लिया जा रहा था। सुबह करीब नौ बजे कुछ भारतीय छात्र-छात्राओं को बार्डर में एंट्री मिल सकी। रोमानिया में प्रवासी के रूप में पंजीकृत करने के बाद भारतीय दूतावास बस से रवाना किया गया।रोमानिया बार्डर पर फंसी अलीगढ़ की खुशी वार्ष्णेय व सोनाली गुप्ता ने रोते हुए अपनी पीड़ा बताई। छात्राओं ने पीएमओ से भी गुहार लगाई है कि यूक्रेन, रोमानिया में भारतीय दूतावास के अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। दहशत बढ़ती जा रही है।जिन अभिभावकों के बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
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उन परिजनों की युद्ध बढ़ने के साथ ही टेंशन बढ़ती जा रही है। कई अभिभावकों का अपने बच्चों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। जो बच्चे अभी फंसे हुए हैं, उन्हें सही-सलामत अलीगढ़ लाने के लिए पीएमओ व भारतीय दूतावास से परिजन गुहार लगा रहे हैं।इधर इन बच्चों को रोमानिया बार्डर में मिली एंट्री(सुमित यादव, माधवी अरोरा, गौरव कुमार, अमानुद्दीन, अरमान, फाल्गुनी धीरज, जिबरान, साफिया, उर्वशी राजपूत)है,मेडीकल छात्रा उर्वशी राजपूत ने बताया कि, रोमानिया बार्डर पर हजारों की तादाद में भारतीय, युक्रेनियन, नाइजीरियन व अन्य देशों के लोग थे। एक समय तो भगदड़ मच गई थी। काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट- शिवी अग्रवाल