Russia Ukraine War : युद्ध का 30वां दिन आते-आते अमेरिका, ब्रिटेन सी सुपर पावर व नाटो की स्थिती बिगड़ती जा रही है
Russia Ukraine War : यूक्रेन और रूस के बीच 24 फरवरी को शुरू हुई जंग को 24 मार्च गुरुवार 2022 गुरुवार 30वां दिन रहा. मतलब यह वही मनहूस तारीख फिर लौटकर आ चुकी है , जब अब से ठीक एक महीने पहले यानि 24 फरवरी 2022 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की फौज ने यूक्रेन पर हमला बोला था . युद्ध शुरू होने वाले दिन तारीख तो 24 ही थी मगर महीना फरवरी था. आगे बढ़ आए समय के साथ ही अब एक महीने बाद आज तारीख तो फिर 24 ही है मगर, महीना बदलकर मार्च 2022 है . इसे भी इत्तिफाक ही कहेंगे कि 24 फरवरी 2022 को जब रूसी फौज ने यूक्रेन के ऊपर बम-बारूद बरसाया था . उस तारीख में भी दिन गुरुवार ही था और ठीक एक महीने बाद यानि 24 मार्च 2022 को भी दिन गुरुवार ही है .
लाशों की गिनती भी कर पाना बहोत कठीन था । लाशों की गिनती की बात भला कौन और कैसे और किससे करेगा ? उस शहर में जहां लाशों के ऊपर रोने वाला भी कोई जिंदा इंसान न हो. लाशों को उनकी आखिरी मंजिल यानी कब्रिस्तान-श्मशानों तक पहुंचाने वाला भी यूक्रेन के कई शहरों की सरजमीं पर कोई नसीब नहीं हो रहा हो. युक्रेन की जनता दर-बदर भटकने लगी , ना उसके पास घर है , ना ठिक से खाना तमाशबीन बने नाटो, अमेरिका ब्रिटेन की चिंता
मतलब एक महीने की इस जंग में तबाह रूस और यूक्रेन हुआ हैं. न कि अमेरिका, नाटो या फिर ब्रिटेन का कोई बाल-बांका हो सका है. यह सब तो ताली बजाकर इन दोनों देश के बीच भड़की जंग की आग में हाथ गरम कर रहे है .
नाटो देश या फिर ब्रिटेन में से किसी ने भी अगर यूक्रेन की हिमायत में रूस के खिलाफ जाकर कोई कदम उठाया था .मौजूदा हालातों में बौखलाया घूम रहा रूस, यूक्रेन से बुरी हालत अमेरिका, नाटो देशों और ब्रिटेन की हालात बुरी कर डालेगा . खुद को दुनिया की सुपर पावर कहने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और दुनिया के तमाम देशों को तबाह कराने का बोझ अपने सिर पर ढोकर बैसाखियों के सहारे चल रहे है . नाटो देशों के हुक्मरानों की, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रौद्र रूस के सामने घिघ्घी बंधी हुई है.
रिर्पोट – शिवी अग्रवाल