अयोध्या : राम मंदिर के लोकार्पण से अयोध्या के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर आने के बाद अब अयोध्या में बनने वाली भव्य मस्जिद भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी. इस्लाम के सिद्धांतों पर पांच मीनारों वाली ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ के निर्माण के शुभारंभ के लिए पवित्र ईंट अप्रैल में अयोध्या पहुंचने वाली है. इस ईंट पर सोने से पवित्र कुरान की आयतें लिखीं होंगी. राम नगरी में बनने वाली मस्जिद में केसरिया रंग की कुरान भी रखी जाएगी जो यहां आने वालों को देश की गंगा जमुनी तहज़ीब की झलक दिखाएगी.
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 5 एकड़ ज़मीन पर भव्य मस्जिद भी तामीर होने वाली है. राम को नगरी में बन रही ये मस्जिद न सिर्फ़ आर्किटेक्चर की दृष्टि से अद्भुत होगी बल्कि साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम करेगी.
ईद के बाद अप्रैल में इसका निर्माण शुरू होगा और उससे पहले पवित्र काली मिट्टी (Black Soil) की एक ईंट अयोध्या पहुंचाई जाएगी. इस पवित्र ईंट पर सोने से कुरान की ‘आयतें’ (couplets from the Holy Quran) लिखी गई हैं. इस ईंट को मक्का शरीफ़ और मदीना शरीफ़ में ‘ग़ुस्ल’ कराया गया है. इस पवित्र ईंट को मक्का शरीफ़ और मदीना शरीफ़ में पवित्र आब ए जमजम से और इत्र से ग़ुस्ल (ablution) देकर भारत लाया गया है. ईंट में सामने आयतें और चारों तरफ़ इस्लाम के ‘नबी’ का नाम सोने से लिखा गया है.
29 फ़रवरी को मुंबई में एक कार्यक्रम में इसे रखा जाएगा, उसके बाद ईंट को अजमेर शरीफ़ भी लाया जाएगा. धन्नीपुर में ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला’ मस्जिद के निर्माण को लेकर ज़िम्मेदारी सम्भालने वाले Indo-Islamic Cultural Foundatuon (IIFC) द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार ईद के बाद अप्रैल महीने में इस पवित्र ईंट को अयोध्या भेजा जाएगा.
5 दिन की सड़क मार्ग से यात्रा में जगह जगह ‘दुआ’ की जाएगी. अयोध्या में इसके पहुंचने के बाद अयोध्या में मस्जिद के निर्माण में तेज़ी आएगी. इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन के सदस्य और मस्जिद निर्माण समिति के प्रमुख हाजी अराफ़ात का कहना है- “ये ऐसी मस्जिद होगी जो अल्लाह की इबादत के साथ लोगों की भलाई के लिए भी होगी. इसीलिए इस पवित्र ईंट को लाया जा रहा है कि ये अल्लाह का काम है. मक्का-मदीने से बेहतर और कौन सी जगह हो सकती थी. आप देखिएगा ये ईंट जब अयोध्या पहुंचेगी तो जगह-जगह इसका स्वागत और इसके लिए दुआ होगी. इसमें हर फ़िरक़े के लोग शामिल होंगे.”
मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद में कई खास बातें होंगी जो अप्रैल में इसका निर्माण शुरू होने के साथ सामने आएंगी. जानकारी के अनुसार, इसमें ‘केसरिया’ रंग की कुरान भी लोगों के लिए रखी जाएगी. ये ख़ास तौर पर तैयार किया जाएगा जो 21 फ़ीट लंबी होगी होगा और दोनों ओर से 18-18 फ़ीट पर खुलेगी. इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन के सदस्य हाजी अराफ़ात का कहना है कि ये रंग केसरिया है जिसको हम ‘चिश्तिया’ कहते हैं. गरीब नवाज़ की पगड़ी का ये रंग था. हम लोग बाबर को नहीं मानते. बाबर देश को लूटने आया था. हम नबी को मानते हैं. ये मस्जिद हमारी उसी सोच जा आईना है.
अयोध्या में राम जन्मभूमि का फ़ैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए 5 एकड़ ज़मीन देने के लिए सरकार से कहा था. उस पर सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने एक समिति बनाई है. मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद में अस्पताल और शिक्षण केंद्र भी होगा. साथ ही 9 हज़ार लोगों के नमाज़ पढ़ने की व्यवस्था होगी.