संजय राउत का बड़ा बयान कहा ‘जिंदा लोग यूपी में बीजेपी को वोट नहीं देंगे’
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election) को लेकर जो दो अहम बातें सामने आई हैं वो यह कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर के बीच सहमति नहीं बन पाई. चंद्रशेखर इस बातचीत के बाद इतने निराश हो गए कि उन्होंने कह दिया कि लगता है समाजवादी पार्टी को दलित वोटों की कोई जरूरत ही नहीं है. दूसरी तरफ बीजेपी ने 300 सीटों से ज्यादा जीतने का टारगेट सेट किया है. यूपी की इन चुनावी सरगर्मियों पर शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena Sanjay Raut) ने आज (17 जनवरी, सोमवार) अपनी प्रतिक्रिया दी है. इसके अलावा संजय राउत ने गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election) पर भी बीजेपी के रवैया को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं.
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘जिंदा लोग तो यूपी में बीजेपी को वोट नहीं देंगे, कोरोना से मरे लोगों की गंगा में तैरती हुई लाशें सबने देखी है. वे मरे लोग आकर इन्हें वोट देंगे क्या? अखिलेश को भी अहंकार छोड़ कर सबको साथ लेकर चलना होगा.अहंकार डुबाता है.’
यूपी के संदर्भ में बीजेपी की आलोचना करते हुए संजय राउत ने योगी आदित्य नाथ समेत अन्य नताओं द्वारा दलित की कुटिया में जाकर खाना खाने की घटनाओं को ढोंग बताया. संजय राउत ने कहा, ‘आप अगर किसी के घर खाना खाने जाते हैं तो उस व्यक्ति के घर जाकर खाना खाते हैं या यह सोच कर जाते हैं कि दलित के घर खाने चलो या किसी और के घर चलो? दलित बता कर किसी के घर खाना खाने के लिए जाकर बीजेपी के नेता क्या दर्शाना चाह रहे हैं. किसी व्यक्ति के घर जाकर खाना खाएं, किसी जाति विशेष के घर जाकर खाना ना खाएं. देश को फिर से जाति और वर्ग में ना बांटें.’
संजय राउत ने बीजेपी के गोवा विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे के रवैये और कार्यशैली की भी आलोचना की. लेकिन उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दिल्ली में बीजेपी हाईकमान पर मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को टिकट देने का दबाव बढ़ा है. अब ऐसा लग रहा है कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी. संजय राउत ने कहा कि, ‘मेरा अंदाज है कि बीजेपी को गोवा में उत्पल पर्रिकर को टिकट देना होगा. जो लोग यह सवाल करते हैं कि उत्पल पर्रिकर ने किया क्या है, वो ये बताएं कि उनकी गोवा में हैसियत क्या है? गोवा में बीजेपी को इस मुकाम पर मनोहर पर्रिकर ने पहुंचाया है. उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार के साथ उनकी पार्टी क्या कर रही है? उनकी औकात पूछ रही है?
हम बाकी पार्टियों से भी अपील करते हैं कि अगर उत्पल पर्रिकर को टिकट नहीं दिया जाता है तो सभी राजनीतिक दल अपने मतभेद भुलाकर उत्पल पर्रिकर के समर्थन में खड़े हों. अगर उत्पल पर्रिकर निर्दलीय खड़े होते हैं तो मेरी आप, कांग्रेस और टीएमसी से अपील है कि वे उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़े ना करें.वैसा मेरा अंदाजा है कि अब बीजेपी को उत्पल पर्रिकर को टिकट देना होगा. जहां तक मेरी जानकारी है, दिल्ली में इस पर चर्चा शुरू हो गई है.’