रियाद: सऊदी अरब की सरकार ने नौकरियों में स्थानीय लोगों को ज्यादा मौका देने के लिए अहम फैसला लिया है। सऊदी अरब ने निजी क्षेत्र में 25 प्रतिशत इंजीनियरिंग नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दी हैं। नौकरियों को लोकेलाइज करने का ये निर्णय 21 जुलाई से लागू हो गया है। देश के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय, नगर निगम और आवास मंत्रालय ने इस संबंध में ये निर्णय लागू किया है। स्थानीयकरण का ये निर्णय इंजीनियरिंग व्यवसायों में पांच या उससे ज्यादा कामगारों को रोजगार देने वाले निजी प्रतिष्ठानों पर लागू होंगी। छोटे प्रतिष्ठानों, जिनमें कर्मचारियों की संख्या चार तक है, वहां ये नियम लागू नहीं होगा।
सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने बताया है कि ये फैसला विभिन्न क्षेत्रों में देश के पुरुष और महिला नागरिकों के लिए रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा करेगा। सऊदी के इस फैसले से स्थानीय लोगों को नौकरी मिलने में आसानी होगी। देश में केमिकल इंजीनियर, सिविल इंजीनियर, फ्लाइट इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के जॉब काफी संख्या में हैं।
सरकार ने इंजीनियरिंग में रोजगदार बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। प्रतिष्ठानों को मदद के लिए मानव संसाधन विकास कोष ‘एचएडीएएफ’ ने प्रोत्साहन और सहायता कार्यक्रम, भर्ती प्रक्रियाओं का समर्थन और उपयुक्त श्रमिकों की खोज, प्रशिक्षण और व्यावसायिक योग्यता प्रक्रिया का समर्थन, भर्ती प्रक्रिया और कैरियर निरंतरता का समर्थन का फैसला लिया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सऊदी अरब ने 2030 तक बेरोजगारी को 7 प्रतिशत तक कम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों के सऊदीकरण की घोषणा की है, जो आय स्रोतों में विविधता लाने और तेल पर निर्भरता को कम करने के विजन 2030 के लक्ष्य के अनुरूप है।
सऊदी अरब की सरकार के इस फैसले का सीधा असर भारतीय कामगारों पर भी होगा। सऊदी में काम करने वालों की संख्या करीब 26 लाख है। सऊदी में भारतीय लगभग हर क्षेत्र में नौकरियां कर रहे हैं। इसमें ड्राइवर, सफाईकर्मी, रसोइया, नर्स के अलावा इंजीनियरिंग क्षेत्र की नौकरियां शामिल हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘विजन 2030’ के तहत सऊदी अरब के हर क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन कर रहे हैं। इसी क्रम में सऊदी में नौकरियों में आरक्षण का फैसला लिया गया है।