दवा कंपनियों का डाक्टरों को मुफ्त में चीजें देना कानूनन प्रतिबंधित : सुप्रीम कोर्ट

0 270

SC on doctor freebies :-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दवाओं की बिक्री बढ़ाने के लिए दवा कंपनियों द्वारा डाक्टरों को मुफ्त में चीजें देना कानून में स्पष्ट तौर पर प्रतिबंधित है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने एपेक्स लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड की याचिका खारिज कर दी। इसमें कंपनी ने डाक्टरों को मुफ्त में चीजें देने पर हुए खर्च पर आयकर अधिनियम के तहत कर कटौती की मांग की थी (SC on doctor freebies)।

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस. रविंद्र भट की पीठ ने कहा, ‘यह जन महत्व और बेहद चिंता का मामला है जब यह सामने आता है कि दवा कंपनियों द्वारा मुफ्त में दिए जाने वाले सोने के सिक्कों, फ्रिज, एलसीडी टीवी से लेकर विदेश यात्रा जैसे उपहारों के बदले एक डाक्टर के परामर्श (प्रिस्कि्रप्शन) में हेराफेरी करवाई जा सकती है।’ पीठ की ओर से फैसला लिखने वाले जस्टिस भट ने कहा कि मुफ्त की चीजें तकनीकी रूप से मुफ्त नहीं हैं।

सामान्य तौर पर मुफ्त की इन चीजों की कीमत दवा में शामिल होती है जिससे उनकी कीमत बढ़ जाती है जिससे लोगों के लिए एक लगातार चलने वाले खतरनाक चक्र का निर्माण होता है। पीठ ने कहा कि प्रभावी जेनेरिक दवा के बदले ऐसी दवाओं के परामर्श पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति ने भी संज्ञान लिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि डाक्टर का अपने मरीज के साथ विश्वास का रिश्ता होता है।

मरीज के इलाज में एक डाक्टर के परामर्श को अंतिम माना जाता है, भले ही इसका खर्च मरीज की साम‌र्थ्य से बाहर हो या बमुश्किल उसकी पहुंच में हो, मरीज के डाक्टर पर विश्वास का यह स्तर होता है। किसी को भी गलत काम से मुनाफा कमाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि डाक्टर को ऐसे उपहार या मुफ्त में चीजें लेने की मनाही है और उन्हें देने वाले या दान दाता पर भी यह प्रतिबंध कम नहीं है।

रिर्पोट -शिवी अग्रवाल

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.