दिल्ली-एनसीआर में पर्यावरण प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक हफ्ते के भीतर निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध हटाने पर निर्णय लेने की छूट दे दी.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया, “हम आयोग को विभिन्न उद्योगों और संगठनों के अनुरोधों की जांच करने का निर्देश देते हैं, जो हमारे आदेशों के आधार पर या अन्यथा उनके परिपत्रों के आधार पर लगाई गई शर्तों में छूट के बारे में हैं. हमें उम्मीद है कि आयोग एक सप्ताह के समय में इस पर गौर करेगा.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management, AQMC) को एक सप्ताह में विभिन्न आवेदनों और आपत्तियों पर गौर करना है तथा जरूरी कदम उठाने के निर्देश देने हैं. साथ ही कहा कि आयोग स्कूल खोलने, औद्योगिक इकाइयां खोलने समेत अन्य सभी राहतों के बारे में एक सप्ताह में गौर करेगा और निर्णय देगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट भी देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य याचिका और दो आवेदन को अपने पास लंबित रखा है, जिस पर बाद में सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अगुवाई में तीन सदस्यीय पीठ प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि स्थितियां ठीक हुई हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के मद्देनजर मामले पर सुनवाई होनी चाहिए. ताकि समस्या का हल निकल सके.
केंद्र सरकार पिछले हफ्ते राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में जारी वायु प्रदूषण को लेकर टास्क फोर्स का गठन कर चुकी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी थी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया था कि सरकार की तरफ से प्रदूषण से निपटने के लिए इंफोर्समेंट टास्क फोर्स और फ्लांइग स्क्वाड का गठन किया गया है. इस टास्क फोर्स में 5 सदस्य शामिल किए गए हैं और इन्हें विधायी शक्तियां भी दी गई हैं. टास्क फोर्स के पास सजा देने और प्रिवेंटिव विधायी शक्तियां भी हासिल हैं.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में कहा कि 17 फ्लाइंग स्क्वाड सीधा इंफोर्समेंट टास्क फोर्स को रिपोर्ट करेगी. साथ ही यह भी कहा कि अगले 24 घंटे में फ्लाइंग स्क्वाड की संख्या बढ़ाकर 40 कर दिया जाएगा. इसमें बताया गया है कि प्रदूषण के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में आने वाले ट्रकों पर रोक जारी रहने वाली है. सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि केवल आवश्यक सामान वाले ट्रकों को ही प्रवेश मिलेगा. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे.