सोलना स्टॉकहोम (Solna Stockholm)। स्वीडन (Sweden) के कैरोलिंस्का संस्थान (Karolinska Institute) के वैज्ञानिकों ने सवा सौ साल पुराने ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (125 year old British medical journal) के आधार पर दावा किया है कि रूस के पेस्कोव (Peskov, Russia) में किसानों के बीच ‘लोतस्का’ नामक शीत निद्रा (hibernation called ‘lotaska’) प्रचलित रही है। यह किसान शीत ऋतु में दिन में केवल एक बार 1 टुकड़ा ब्रेड और एक गिलास पानी लेते थे और पूरा समय सोकर बिताते थे। लोतस्का उन्हें खाने की कमी वाली भीषण सर्दियां काटने में काफी मदद करता था।
परिवार के सभी लोग बारी-बारी से उठकर एक बार थोड़ा सा भोजन करते और घर में गर्मी के लिए आग को जलाए रखकर सोने चले जाते। ऐसा ही कुछ ग्रीनलैंड के इनुइट लोग करते थे। यहां नवंबर से जनवरी तक भीषण सर्दियों और अंधेरे समय में लंबे वक्त तक सोए रहने का प्रचलन रहा है। यह संकेत है कि किसान सर्दियों में शीत निद्रा लेते थे। दूसरी ओर जानवरों में शीत निद्रा केवल निद्रा न होकर भोजन पचाने की प्रक्रिया में अहम बदलावों से भी जुड़ी है। उनका शरीर कैलोरी की खपत कम कर देता है और तापमान घटा देता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि शीत निद्रा लेने वाले कुछ चमगादड़ और मॉरमोट (बड़ी गिलहरियां) अपने बूढ़े होने की गति धीमी कर देते हैं। माना जा रहा है कि इस वजह से वे अन्य जीवों के मुकाबले लंबे समय जीवित रहते हैं।
बुढ़ापा भी दो तरह का
वैज्ञानिकों के अनुसार हमारा शरीर दो प्रकार से बूढ़ा होता है। पहला उम्र बढ़ने के साथ, और दूसरा जैविक बुढ़ापा। जैविक बुढ़ापा शरीर को होने वाले नुकसान से आता है। खराब जीवनशैली से हृदय रोग, मोटापा, डिमेंशिया, किडनी को हुए नुकसान आदि यह बुढ़ापा लाते हैं। शीत निद्रा लेने वाले जीव बीमारियों व बुढ़ापे को दूर रखते हैं।
भोजन की कमी वाले लंबे समय को काटने में मिलती है मदद
वैज्ञानिकों के अनुसार भीषण सर्दियों में कई प्रकार के जीव शीत निद्रा में चले जाते हैं। यह लंबी नींद न केवल भोजन की कमी वाले लंबे, सर्द और अंधेरे समय को काटने में मदद करती है, बल्कि उनका जीवन भी लंबा बनाती है। यही शीत निद्रा मानव इतिहास का भी हिस्सा रही है।
अच्छी नींद के फायदे पुरुषों को ज्यादा
मार्च 2023 में नींद पर हुए शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया कि अगर पुरुषों को हफ्ते में पांच दिन बिना किसी दवा के भरपूर आराम देने वाली सात से आठ घंटे की नींद मिले, तो वे 5 साल तक अधिक जी सकते हैं। महिलाओं को भी इससे ढाई साल तक औसत उम्र बढ़ाने में मदद मिलती है। दूसरी ओर जीवों में शीत निद्रा और सामान्य नींद से उम्र बढ़ने का फर्क अभी भी साफ नहीं हुआ है।