पणजी (Panaji) । भारत (India) की मेजबानी में आज से गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हो रही है। बैठक में शामिल सदस्य देश इस सम्मेलन में क्षेत्रीय चुनौतियों और राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करेंगे। सबसे ज्यादा चर्चा एस. जयशंकर व बिलावल भुट्टो(S. Jaishankar and Bilawal Bhutto) जरदारी के बीच सम्मेलन से अलग द्विपक्षीय बैठक की संभावना पर हो रही है।
इस सम्मेलन की मेजबानी भारत ऐसे वक्त में कर रहा है, जब पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में सीमा पर चीन से झगड़ा बढ़ा हुआ है, संबंध तनावपूर्ण हैं। यूक्रेन युद्ध के चलते रुस का भी तनाव पश्चिमी देशों से बढ़ा हुआ है। इसी तरह चीन की विस्तारवादी नीति सभी को चिंतित किए हुए है। सम्मेलन के दौरान बैठक में चीन के विदेश मंत्री किन गांग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल हो सकते हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) बैठक अध्यक्षता करेंगे।
तैयारियों से जुड़े लोगों ने बताया कि यहां आपसी कारोबार , निवेश व संपर्क बढ़ाने पर ज्यादा बातचीत होगी। वहीं, तालिबानी शासन व मौजूदा हालात की वजह से अफगानिस्तान के आतंकी तैयार करने की स्थली बनने पर चिंताओं पर बात की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, जयशंकर चीन और कुछ अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी सम्मेलन से अलग बैठक कर सकते हैं। सम्मेलन की शुरुआत चार मई को सदस्यों देशों के स्वागत से होगी। पांच मई से समूह मुख्य विषयों पर चिंतन करेगा।
‘एससीओ विदेश मंत्री सम्मेलन 2023’ की तैयारियों का जायजा लेने एस जयशंकर खुद बुधवार को गोवा पहुंचे। समरकंद सम्मेलन 2022 के बाद भारत ने एससीओ की अध्यक्षता ली थी। वह विदेश मंत्रियों सहित एससीओ की कई बैठकों व सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। शिरकत के लिए पाकिस्तान, चीन व रूस सहित सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, सभी ने भागीदारी की रजामंदी दी है।
प्रमुख सदस्य देशों ने यह कहा
चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसके विदेश मंत्री किन गांग विभिन्न क्षेत्रों व विषयों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात पर सदस्यों से अपना नजरिया साझा करेंगे। वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अंतरराष्ट्रीय मामलों व स्थानीय एजेंडे को भारत में विचार-विमर्श के लिए उठाएंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सम्मेलन में भागीदारी का अवसर मिलने पर खुशी जताई। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा था कि उनकी भागीदारी पाकिस्तान का एससीओ चार्टर और विदेश नीति की प्राथमिकताओं के प्रति समर्पण दर्शाती है।
12 साल बाद भारत आएंगे पाकिस्तानी विदेश मंत्री
विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आ रहे हैं। यह किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का 12 साल बाद भारत दौरा होगा। इससे पहले 2011 में तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर आई थीं। हालांकि, बैठक के इतर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भुट्टो की मुलाकात की कोई योजना नहीं है।