बच्ची के साथ यौन शोषण के मामले में सुरक्षा पर्यवेक्षक और क्लास टीचर हुए गिरफ्तार

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नोएडा: नोएडा के सेक्टर 27 के एक नामी स्कूल के जूनियर विंग में एक बच्ची के साथ हुए यौन शोषण के मामले में पुलिस ने स्कूल के सुरक्षा पर्यवेक्षक और बच्ची की क्लास टीचर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया है कि जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों के आधार पर स्कूल के कार्यालय प्रशासक और सुरक्षा पर्यवेक्षक दयामय महतो तथा पीड़िता बच्ची की क्लास टीचर मधु मेनघानी को घटना को छुपाने का दोषी पाये जाने पर गिरफ्तार किया गया है।

इस मामले में तूल पकड़ लिया है। अब पीड़ित परिजनों ने सामाजिक संगठनों को पत्र भेजकर सहयोग मांगा है और मुख्य आरोपी के साथ स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई की मांग उठाई है। बच्ची के पिता ने नोएडा के सभी सामाजिक संगठनों को पत्र लिखकर सहयोग मांगा है। इस पत्र में बच्ची के पिता ने पूरे प्रकरण को विस्तार से बताया है। साथ ही स्कूल मैनेजमेंट पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। पिता ने इस पूरे मामले को लेकर आरोपी कर्मचारी सहित स्कूल प्रशासन पर भी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

बच्ची के पिता ने पत्र में लिखा है कि मेरी छोटी बच्ची जो की महज तीन वर्ष सात माह की है। वह नोएडा के सेक्टर-27 स्थित नामी स्कूल के जूनियर विंग में पढ़ती है। सात अक्टूबर को स्कूल से आने के बाद उसने पेट में दर्द होने की शिकायत की। पूछने पर कुछ नहीं बताया और खाना खाकर सो गई। उसी दिन रात करीब आठ बजे के लगभग बच्ची ने पेट और प्राइवेट पार्ट में दर्द होने की शिकायत की। अगले दिन आठ अक्टूबर को बच्ची को डॉक्टर के पास ले गए। वहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ हुई है। कुछ जांच लिखी जो उसी दिन कराई गई।

घर आने पर जब बच्ची की मां ने पूछा तो उसने आपबीती बताई। बच्ची ने बताया कि खाना देने वाले अंकल ने मेडिकल स्टोर में कुछ चुभाया, रोने पर मैम ने दरवाजा नॉक किया तो अंकल खिड़की से भाग गए। जब हमने पूछा कि कल क्यों नहीं बताया तो बच्ची बोली क्लास टीचर मैम डांट कर बोली थी कि मां को कुछ नहीं बताना। ये सभी बात बच्ची ने पुलिस को भी 10 अक्टूबर को बताई थी और घटना वाली जगह को भी दिखाया था।

पिता ने कहा कि पुलिस से नौ अक्टूबर को संपर्क किया। उसी दिन तो पुलिस ने काफी तत्परता दिखाई। 10 अक्टूबर को बच्ची के साथ हमें पुलिस स्कूल लेकर गई थी। हमने वहां स्कूल की जूनियर विंग की प्रिंसिपल और क्लास टीचर को बुलाने का अनुरोध किया तो शिक्षिका ने कहा कि उनकी क्या जरूरत है। स्कूल में बच्ची को कई तरीके से सभी स्टाफ की पहचान करवाई गई, लेकिन उसने एक व्यक्ति को ही बार-बार पहचाना। उसी आधार पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया।

पिता का आरोप है कि पुलिस ने प्रिंसिपल से कहा कि अभी तक का कैमरों का फुटेज दे देना। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि 30 दिन तक का ही फुटेज मिल पाएगा। इस पर एसीपी ने कहा कि इतने दिन का ही दे दीजिएगा। अगले दिन स्कूल पहुंचे तो प्रबंधन ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। फुटेज देने के नाम पर शुरुआत में टालमटोल करते रहे तो बाद में सिर्फ 14 दिन की ही फुटेज देने की बात कहने लगे। यही नहीं घटना वाले स्थान का कोई वीडियो नहीं था। इससे पता चलता है कि स्कूल प्रबंधन सब कुछ जानते हुए भी घटना छिपाने का प्रयास करता आ रहा है।

इस मामले को लेकर एडीसीपी मनीष मिश्रा ने बताया है कि इस मामले में अभी तक की विवेचना में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब दो और गिरफ्तारी हुई है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जांच लगातार जारी है।

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