अंधेरे में स्मार्टफोन देखने से छिन सकती है आंखों की रोशनी, जानें स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम से कैसे रहें सेफ

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नई दिल्ली. स्मार्टफोन विजन डिसॉर्डर तब पैदा होता है, जब आप डिजिटल स्क्रीन का लंबे समय तक प्रयोग कर रहे हों. अगर आप को भी अंधेरे में रील्स और नेटफ्लिक्स देखने का शौक है तो थोड़ा सावधान हो जाइए, क्योंकि यह शौक आपको स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम के खतरे की तरफ ले जा सकता है. आजकल ज्यादातर लोग रात को अंधेरे में या तो कोई फिल्म देखते हैं या फोन चलाते हैं. ज्यादा फोन चलाते वक्त लोग यह नहीं जानते हैं कि स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम क्या है? इसका क्या खतरा है? क्या लक्षण है? इससे कई बार आंखों की रोशनी भी जा सकती.
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इसमें देखने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती हैं.
आंखों में मौजूद देखने वाला तंत्र धीरे-धीरे काम करने बंद करने लगता है.
रात के अंधेरे में इसका प्रयोग करना अधिक खतरनाक हो सकता है.
मोबाइल फोन, टैबलेट का प्रयोग करने वाले लोगों में यह समस्या अधिक बढ़ी है.
ऐसे करें अपना बचाव

आजकल लोगों को रात में अंधेरे में फोन चलाने का जो शौक लगा है वह एक बुरी आदत है. इसमें खतरा भी है और इससे कई परेशानियां भी होती हैं. अधिक फोन चलाना किसी भी व्यक्ति के लिए डिप्रेशन एंजाइटी और चिड़चिड़ापन का शिकार भी बनाता है. लंबे समय तक फोन चलाने से आंखों में गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है और देखने में भी दिक्कत आ सकती है. कई बार आंखें ड्राई हो जाते हैं तो लोग उसे ठंडे पानी से धो लेते है. लोगों को समझ में नहीं आता है कि क्या करना चाहिए. इसलिए ऐसी स्थिति में लुब्रिकेंट्स का भी इस्तेमाल करना चाहिए और जितना हो सके दूरी से फोन चलाना चाहिए.

चाहे वह छोटे हो या बड़े हो, हर किसी को अपने स्क्रीन टाइम पर ध्यान देने की जरूरत है. लोगों को 202020 रूल को फॉलो करना चाहिए, 20 मिनट बाद 20 सेकंड का ब्रेक ले और स्क्रीन को 20 फुट दूर रखें. इस नियम को 2020 20 कहा जाता है. बच्चों को जितनी बड़ी स्क्रीन दी जाए उतना अच्छा है, क्योंकि कई बार पास से देखने के बाद बच्चों को पास का तो दिखता है, लेकिन दूर का नहीं दिखता है.

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