Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटा लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट से हिंदू पक्ष से दाखिल की गई नियमित पूजा करने की याचिका को सुनने योग्य माना है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने योग्य नहीं बताया था और खारिज करने की अपील की थी।
जिसपर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी है। यह फैसला जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की श्रृंगार गौरी को लेकर दायर की गई याचिका सुनने लायक है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे विष्णु शंकर जैन ने उच्च न्यायालय के फैसले पर कहा, “यह एक ऐतिहासिक फैसला है। कोर्ट ने साफ कहा है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका सुनने योग्य नहीं और इसे खारिज कर दिया।
वहीं वाराणसी में हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, “यह हिंदू पक्ष की बड़ी जीत है। हम अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर आदेश 7 नियम सीपीसी याचिका को खारिज करने के अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पूजा करने के अधिकार की मांग करने वाली पांच हिंदू महिला उपासकों के मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी गई थी।”
वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हरि शंकर जैन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वह दिन दूर नहीं जब हम वहां एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करेंगे और वर्तमान ढांचे को हटा दिया जाएगा।”