5 साल तक AI टूल्स का इस्तेमाल नहीं कर सकता यौन अपराधी, कोर्ट ने लगाया प्रतिबंध

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नई दिल्ली (New Delhi)। दुनियाभर (World) में डीपफेक का इस्तेमाल (Use of Deepfakes) तेजी से किया जा रहा है। ऐसे में एक हैरान करने वाला मामला सामना आया है। यूके यानी इंग्लैंड की कोर्ट (Court of England.) ने एक यौन अपराधी को किसी भी एआई टूल का इस्तेमाल (Use of AI tools) करने से प्रतिबंधित कर दिया है। कोर्ट ने यौन अपराधी पर 5 साल का बैन लगाया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एंथोनी डोवर बच्चों की लगभग 1000 आपत्तिजनक फोटो बनाने के लिए आरोपी है। 48 साल के एंथोनी डोवर को कोर्ट ने 200 पाउंड का जुर्माना भरने के लिए भी कहा है।

एआई टूल्स के इस्तेमाल पर रोक
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कोर्ट ने डोवर को टेक्स्ट टू इमेज जेनरेशन टूल के इस्तेमाल करने पर भी प्रतिबंधित किया है। इस तरह के टूल पर लिखकर कमांड दी जा सकती है। इस तरह की फोटो का इस्तेमाल डीपफेक के लिए किया जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पोल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने यौन अपराधी डोवर को संबंधित डिफ्यूजन सॉफ्टवेयर से दूर रहने का आदेश दिया है। डिफ्यूजन सॉफ्टवेयर के जरिए चाइल्ड सेक्सयुअल मैटेरियल को बनाने का काम किया जाता है।

यूके सरकार ने हाल ही में दिया था ये आदेश
आपको बता दें कि यूके सरकार ने कुछ दिनों पहले ही बयान दिया था कि एआई के जरिए छेड़छाड़ किए गए डीपफेक को कानून की नजर में अपराध माना जाएगा। ऐसे में ये मामला सामने आ गया। सरकार ने अपने बयान में कहा था कि बिना किसी के मर्जी के डीपफेक तैयार करना और उसे साझा करना, जिसमें फोटो और वीडियो भी शामिल हो।

करना होगा मुकदमे का सामना
इसके लिए भी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। वही, अगर डीपफेक को काफी बड़े स्तरपर साझा किया गया है तो इसके लिए क्रिएटर को जेल जाना होगा। इस नए संशोधन को अपराधिक न्याय बिल में पेश किया जाएगा। उधर, यूके सरकार में पीड़ितों के सुरक्षा मामलों की मंत्री लौरा फाारिस ने इस मसले पर साफ कर दिया है कि डीपफेक का इस्तेमाल अनैतिक है और इसे अपराध माना जाएगा।

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