शरद पवार ने लोकसभा अध्यक्ष चुनाव से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को दी महत्वपूर्ण सलाह, कही ये बड़ी बात
मुंबई: लोकसभा स्पीकर पद के लिए NDA और INDIA में सहमति बन नही पाई है। जिसके लिए आज चुनाव होना है। साल 1976 के बाद पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने जा रहा है। भाजपा नीत एनडीए ने ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष ने के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाकर लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने को मजबूर कर दिया है। इस बीच, विपक्षी दलों के सहयोगी एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने लोकसभा अध्यक्ष निर्विरोध चुना जाने की सलाह दी है।
निर्विरोध चुना जाना चाहिए लोकसभा अध्यक्ष
एनसीपी (एसपी) के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन में अपने सहयोगियों को सलाह दी है कि लोकसभा अध्यक्ष निर्विरोध चुना जाना चाहिए, लेकिन संसदीय परंपरा के अनुसार विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद अवश्य मिले। पवार ने कहा कि परंपरागत रूप से लोकसभा अध्यक्ष का पद सत्तारूढ़ दल को और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) का पद विपक्ष को मिलता है, लेकिन नरेंद्र मोदी नीत सरकार के पिछले 10 वर्षों में ऐसा नहीं हुआ।
विपक्ष को मिलना चाहिए उपाध्यक्ष का पद
शरद पवार ने कहा कि संसद में गैर-भाजपा नेताओं ने मेरी राय मांगी और मैंने उन्हें सलाह दी कि वे सरकार से कहें कि हम अध्यक्ष निर्विरोध चुने जाने पर सहमत हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही, उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए।
ओम बिरला और के. सुरेश बीच मुकाबला
भाजपा नीत राजग ने इस महत्वपूर्ण संसदीय पद (स्पीकर) के लिए एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन विपक्ष ने सर्वसम्मति से उन्हें चुने जाने के प्रयास को विफल कर दिया। विपक्ष ने के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाकर लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने को मजबूर कर दिया है।
इस बीच, एनसीपी (एसपी) प्रमुख ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली प्रतिद्वंद्वी एनसीपी के नेताओं को उनकी पार्टी में शामिल करने पर कोई भी निर्णय मामला दर मामला आधार पर लिया जाएगा और यह कोई व्यापक निर्णय नहीं होगा। राज्य विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ राकांपा के कई नेताओं के उनकी पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बारे में एक कार्यक्रम में पूछे जाने पर, पवार ने कहा कि ऐसे लोगों का स्वागत करने में कोई समस्या नहीं है, जिनके आने से विपक्षी दल को फायदा होगा और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राकांपा (एसपी) में शामिल होने के लिए कुछ शर्तें भी होंगी।