मुंबई : जिम्मी शेरगिल 200 के दशक के ऐसे एक्टर हैं, जिनके अभिनय के साथ-साथ उनके लुक्स पर भी फैंस दिल हार बैठते थे। उनके चेहरे पर जो मासूमियत थी वह दर्शकों को खूब भाती थी। समय के साथ जिमी शेरगिल ने रोमांटिक किरदारों के अलावा नेगेटिव शेड्स निभाकर अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
हाल ही में एक खास बातचीत में खुद जिमी शेरगिल ने बताया कि कैसे उन्हें उनकी पहली फिल्म ‘माचिस’ मिली। इतना ही नहीं, उन्होंने दिल की बात करते हुए ये भी कहा कि गुलजार साहब ही वो पहले शख्स हैं, जिन्होंने उनकी किस्मत का पन्ना पलट कर रख दिया था। जिमी शेरगिल ने सुशांत सिन्हा से खास बातचीत करते हुए बताया कि कैसे उन्हें उनकी पहली फिल्म ऑफर हुई। ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर’ एक्टर ने हाल ही में बताया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई छोड़कर अपने घर नहीं जाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने मायानगरी में ही रहने का निर्णय लिया।
उस दौरान ही उन्होंने अपने किसी म्यूचअल कांटेक्ट से फिल्म ‘माचिस’ के बारे में सुना। इसके बाद जिमी ने तुरंत ही फिल्ममेकर गुलजार साहब से ये दरख्वास्त की कि वह उन्हें अपनी फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्टर रख लें। ‘तनु वेड्स मनु’ एक्टर ने बताया कि जब पहली बार गुलजार साहब उनसे मिले, तो उन्होंने कि तुम्हें डायरेक्शन क्यों करना है, अगर तुम एक्टिंग में अच्छे हो। जिसका जवाब देते हुए जिमी ने कहा कि मुझे अपने घर वापस नहीं जाना है। इसके बाद जिमी को गुलजार साहिब ने स्क्रिप्ट दी और अपना रोल चुनने के लिए कहा।
जसजीत शेरगिल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उन्होंने डेब्यू फिल्म ‘माचिस’ में कॉलेज यंग ब्वॉय ‘जिमी’ का किरदार इसलिए चुना था, क्योंकि उनके Pet (पालतू जानवर) का नाम ‘जिमी’ था। एक्टर ने बताया कि उन्हें उनकी पहली फिल्म के लिए महज 20 हजार रूपए मिले थे। उन्होंने तो इस किरदार को काफी एन्जॉय किया, लेकिन लोगों ने उन्हें ताने देते हुए इतना छोटा सा रोल चुनने के लिए पागल तक कह दिया था। जिमी ने बताया कि वह खुद को बहुत लकी मानते हैं कि उन्हें अपने संघर्ष के दौर में परिवार का पूरा साथ मिला।