शिव नादर बने भारत के सबसे बड़े दानवीर, एक छोटे कमरे से खड़ा किया अरबों का साम्राज्य

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नई दिल्ली: एचसीएल के फाउंडर शिव नादर भारत के सबसे बड़े दानवीर बन गए हैं। उनसे पहले विप्रो के अजीम प्रेमजी लंबे समय तक सबसे ज्यादा दान करने वाले अरबपतियों की सूची में शीर्ष पर थे, लेकिन इस बार वह दूसरे नंबर खिसक गए हैं। हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2022 के अनुसार शिव नादर ने एक साल में 1161 करोड़ रुपए दान किए हैं यानि उन्होंने हर दिन करीब 3 करोड़ रुपए का दान किया है। तो चलिए जानते हैं कि शिव नादर कौन हैं? और किसी समय एक कमरे में कंपनी शुरू करने वाले शिव नादर कैसे देश के बड़े अरबपति बने?

शिव नादर कौन है?

दरअसल शिव नादर एक प्रसिद्ध भारतीय आईटी उद्योगपति हैं। वे एचसीएल और शिव नादर फाउंडेशन के संस्थापक हैं। एचसीएल एशिया की बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। आईटी क्षेत्र के अलावा शिव नादर अपने शिव नादर फाउंडेशन के जरिए सामाजिक क्षेत्रों भी कार्य कर रहे हैं।

शिव नादर की कहानी :

14 जुलाई 1945 को तमिलनाडु में जन्मे शिव नादर ने अपने करियर की शुरुआत पुणे में वॉलचंद ग्रुप कूपर इंजीनियरिंग के साथ की थी। साल 1967 में नादर ने अपने सात दोस्तों के साथ मिलकर माइक्रोकॉप कंपनी बनाई लेकिन उसे आगे चलकर बेच दिया। इसके बाद साल 1976 में उन्होंने दिल्ली में एक कमरे में एचसीएल इंटरप्राइजेज की स्थापना की थी। साल 1978 में एचसीएल ने भारत का पहला 8C माइक्रो कंप्यूटर डिजाइन और प्रस्तुत किया। बाद में 1980 में एचसीएल ने 16-बिट प्रोसेसर माइक्रो कंप्यूटर लॉन्च किया।

साल 1980 में एचसीएल ने भारत के बाहर अपनी पहली ब्रांच सिंगापुर में खोली। साल 1988 में एचसीएल ने UNIX कंप्यूटर बनाया था। साल 2000 तक एचसीएल ने अपना कारोबार IT सर्विसेज की तरफ डायवर्सिफाई किया और एचसीएल टेक्नोलॉजीज शुरू की। आज एचसीएल आईटी के अलावा भी कई क्षेत्रों में काम करती है।

शिव नादर की संपत्ति :

एक रिपोर्ट के अनुसार शिव नादर की कुल संपत्ति 22.8 अरब डॉलर है और वह भारत के चौथे सबसे अमीर आदमी भी है। हालांकि वह अपनी सम्पत्ति का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए दान करते हैं।

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