भोपाल:राजधानी में नववर्ष की तैयारियां शुरू हो गई। इधर नववर्ष 2023 में कई ज्योतिषीय संयोग भी बन रहे हैं। नववर्ष का शुभारंभ शिव, सिद्ध, सर्वार्थ सिद्धि रवि, बुधादित्य योग और अश्विनी नक्षत्र के बीच होगा। इन पांच शुभ योगों के बीच सूर्यदेव से जुड़े तीन संयोग भी बन रहे हैं। इन संयोग को इस तरह समझा जा सकता है। पहला इस दिन सूर्य धनु राशि में बुध के साथ रहते हुए बुधादित्य योग बनाएंगे। दूसरा अश्विनी कुल 27 नक्षत्रों में पहला नक्षत्र है। ये अश्विनी कुमार हैं, जिनके नाम पर यह नक्षत्र है और यह सूर्य पुत्र हैं।
तीसरा साल के पहले दिन रविवार है, जिसके अधिपति देव स्वयं सूर्यदेव हैं। इससे लोग ऊर्जावान दिखाई देंगे। 2023 में तीन ग्रहण रहेंगे। 20 अप्रैल को खग्रास सूर्यग्रहण। 14 अक्टूबर को कंकण सूर्य ग्रहण और 28.29 की दरमियान खग्रास चंद्रग्रहण होगा। दोनों ही सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। भारत में 28/29 अक्टूबर को खण्डग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा। मार्कण्डेय पंचांग के मुताबिक 2023 में 162 सर्वार्थ सिद्धि योग, 143 रवि योग और 33 अमृत सिद्धि योग का संयोग बनेगा।
नए साल में 14 पुष्य योग नक्षत्र भी रहेगा। मार्च और दिसंबर में दो बार पुष्य का संयोग रहेगा। सबसे ज्यादा सर्वार्थ सिद्धि योग जनवरी 16 बार में रहेगा। सबसे ज्यादा रवि योग 14-14 बार मार्च, अप्रैल, जुलाई और दिसंबर में रहेंगे। सबसे ज्यादा अमृत सिद्धि योग अप्रैल 6 बार में रहेगा।