संदेशखाली मामले में ममता सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट का तुरंत सुनवाई से इनकार

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नईदिल्ली : संदेशखाली और शेख शाहजहां के मामले पर CBI जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. ममता सरकार ने तुरंत सुनवाई के लिए अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया है. राज्य सरकार ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राज्य उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक चाहता है.

सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार को फिलहाल कोई फौरी राहत नहीं मिली है. संदेशखाली मामले की सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के आदेश की प्रतीक्षा करें. याचिका मे पश्चिम बंगाल सरकार ने दलील दी है कि, हाईकोर्ट द्वारा 4.30 बजे तक का समय दिया गया वो हमारे अधिकारो का हनन करता है.

बेबुनियाद आरोप लगाकर सीबीआई को केस ट्रांसफर किया गया जबकि हमारी एसआईटी जांच कर रही थी. राज्य सराकर ने कहा कि, सीबीआई को केस ट्रांसफर करना गलत है.. ये सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशो का उल्लंघन है. राज्य की पुलिस ने इस मामले मे तेजी दिखाई है और इसकी अभी भी जांच चल रही है. ASG का HC मे कहना था कि शाहजहां शेख पर पहले से ही लगभग 40 FIR दर्ज है लेकिन उसकी गिरफ्तारी ED पर हमला मामले मे दर्ज की गई दो FIR मे किया गया है. य़ह राज्य की भावना को दर्शाता है.

वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पश्चिम बंगाल पुलिस से हाई कोर्ट के आदेश को इस तरह समझा कि हाई कोर्ट ने सिर्फ ED के साथ हुई घटना की जांच के लिए SIT बनाने पर रोक लगाई है. इसलिए हमने शाहजहा शेख पर अपनी कार्रवाही जारी रखते हुए उसे गिरफतार कर लिया.

दरअसल पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल राशन घोटाला मामले में अकुंजीपारा स्थित शेख के आवास पर छापेमारी करने पहुची ED अधिकारियों को करीब 200 स्थानीय लोगों हमला किया. इस झड़प के दौरान कई ED अधिकारी घायल हो गए थे. पश्चिम बंगाल पुलिस ने 55 दिनों बाद आखिरकार 29 फरवरी को इसे गिरफ्तार किया. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि चीफ जस्टिस से सम्पर्क करें. वो मामले को सुनवाई के लिए जल्द लिस्ट करने पर फैसला लेंगे. लंच के समय चीफ जस्टिस तय करेंगे कि कब और किस पीठ के समक्ष सुनवाई हो.

राज्य सरकार ने अत्यंत तत्परता के साथ जांच को आगे बढ़ाया. शेख शाहजहां को उच्च न्यायालय द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया कि उनकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. राज्य सरकार का कहना है, हाई कोर्ट का आदेश विकृत, अवैध और मनमाना है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.राज्य सरकार पर निराधार आरोप लगाए गए हैं.

सरसरी तौर पर जांच को सीबीआई को हस्तांतरित करना इस माननीय न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन है. मौजूदा मामले में राज्य पुलिस द्वारा उठाए गए व्यापक कदमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है. बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और मामले का उल्लेख किया लेकिन मामला सूचीबद्ध नहीं हुआ. अब इसके बाद सीबीआई ने तत्काल सुनवाई के लिए हाई कोर्ट का रुख किया है. इस बीच शाहजहां सीआईडी ​​की हिरासत में है जबकि सीबीआई ने अब फिर से उसकी मांग की है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मामले को लेकर लगाताक गहमा-गहमी जारी है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सीएम ममता के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार संदेशखाली के दरिंदों की मदद करती है. उन्होंने कहा कि CBI अकेले अपने दम पर सारे अपराधियों को पकड़ नहीं पाएगी. ये राज्य की सरकार संदेशखाली के दरिंदों को मदद करती है. राज्य सरकार ने उन दरिंदों को पाला है. बंगाल में दरिंदों का राज है. वहीं, टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि, राज्य सरकार को भरोसा है कि CID इस केस को हैंडल करने में सक्षम है. ED, CBI ने SHAHJAHAN को अरेस्ट नहीं किया था, राज्य की पुलिस ने किया था.

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