नई दिल्ली: पितृ पक्ष 2022 का आज चौथा श्राद्ध है। पितृ पक्ष में पितरों को याद किया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ पक्ष यानि श्राद्ध पक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इस दिन शास्त्रों में कुछ नियम और अनुशासन का ध्यान रखने को भी कहा गया है। वर्ष 2022 का पितृ पक्ष राशिफल की दृष्टि से कुछ राशियों के लिए अलाभकारी बताया जा रहा है। जिन राशियों के लिए यह सही नहीं बताया गया है उन राशि वाले जातकों को नौकरी, व्यवसाय, धन और सेहत के मामले में विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है। 12 राशियों में से कौन-कौन सी राशियों को सावधानी बरतने की जरूरत है आइए डालते हैं एक नजर उन राशियों पर—
मेष राशि
आपकी राशि में पाप ग्रह राहु विराजमान है। पितृ पक्ष में राहु को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि राहु का सम्बन्ध कहीं न कहीं हमारे कर्तव्य और ऋण से है। इसलिए मेष राशि वालों को धन सम्बन्धी कामों में सावधानी बरतनी चाहिए। पितरों को याद करते हुए उनसे जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए माफी अवश्य मांगे।
सिंह राशि
वर्तमान समय में सिंह राशि में सूर्य और शुक्र की युति बनी हुई है। सूर्य जहां सभी ग्रहों के अधिपति हैं वहीं ज्योतिष शास्त्र में इन्हें पिता भी माना गया है। पितृ पक्ष में पितरों को विधि विधान अनुसार अच्छे ढंग से श्रद्धांजलि दें। पितृ पक्ष नियमों का पालन करें। अहंकार से दूर रहें और अपने चरित्र निर्माण पर ध्यान दें। कर्ज लेने से बचें।
कन्या राशि
बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि में हो रहा है। विशेष बात यह है कि जिस दिन से पितृ पक्ष आरंभ हुए हैं उसी दिन से बुध वक्री हो गए हैं। इसलिए पितृ पक्ष में बड़े निर्णय लेने में सावधानी बरतें। वाणी को खराब न करें। विवाद और तनाव से बचें। किसी की निंदा न करें। मन को शांत रखने की कोशिश करें।
तुला राशि
केतु ग्रह को मोक्ष का कारक बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु एक पाप ग्रह है। ये भम्र का भी कारक है। केतु का सम्बन्ध पितरों से है। इसलिए पितृ पक्ष में आपको पितरों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर होंगी। इस दौरान कर्ज न लें। दान पुण्य के कामों में रूचि लें।
मकर राशि
पितृ पक्ष में मकर राशि वालों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इस दिन पूंजी का निवेश सोच समझ करें। सेहत का ध्यान रखें। शनि आपकी राशि के स्वामी हैं, जो आपकी ही राशि में वक्री होकर गोचर कर रहे हैं। शनि का सम्बन्ध पूर्व जन्मों के कर्मों से भी है। इसलिए पितृ पक्ष में शनि देव की भी पूजा करें। शनि से जुड़ी चीजों का दान करें। कुष्ठ रोगियों की सेवा करें। पशु-पक्षी और प्रकृति की सेवा करें। विशेष फल प्राप्त होगा।