सिद्दारमैया ने येदियुरप्पा पर किया पलटवार, कहा : ‘सच्चाई से कोसों दूर’

0 104

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने गुरुवार को कांग्रेस सरकार पर हमला बोलने वाले अपने पूर्ववर्ती बी.एस. येदियुरप्पा पर पलटवार किया। उन्‍होंने येदियुरप्पा के आरोपों को ”सच्चाई से कोसों दूर” बताया। येदियुरप्पा ने राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की आलोचना करने पर सिद्दारमैया की आलोचना की थी और कांग्रेस सरकार की प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन पर सवाल उठाया था।

सिद्दारमैया ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा द्वारा हमारी सरकार पर लगाए गए आरोप सच्चाई से बहुत दूर हैं। यह सच नहीं है कि गृह लक्ष्मी योजना राज्य की आधी महिलाओं तक नहीं पहुंची है, वास्तव में राज्य की 1.08 करोड़ महिलाओं ने सफलतापूर्वक इसके लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 9.44 लाख महिलाओं को लाभार्थी के आधार नंबर का बैंक खाते से मेल नहीं खाने, आवेदक के नाम और पते में अंतर आदि कारणों से पैसा नहीं मिल सका। पहले महीने की किस्त 88 फीसदी पंजीकृत लाभार्थियों के खाते में जमा कर दी गई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए राज्य की पिछली भाजपा सरकार और केंद्र जिम्मेदार हैं। सिद्दारमैया ने कहा, येदियुरप्पा को सूखा राहत की मांग के लिए केंद्र में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ले जाने की चुनौती देते हुए कहा कि वह उनके साथ जाने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा, “राज्य में भीषण सूखे के मद्देनजर 236 में से 216 तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। कुल 33,710 करोड़ रुपये की फसल के नुकसान का अनुमान लगाया गया है और केंद्र से 17,901 करोड़ रुपये के मुआवजे का अनुरोध किया गया है। जब केंद्र का सूखा अध्ययन दल राज्य में पहुंचा, वे हरे सूखे सहित सूखे की स्थिति के बारे में आश्‍वस्त थे। हमारे मंत्री एन. चालुवरयास्वामी, प्रियांक खड़गे और कृष्णा बायरे गौड़ा ने केंद्र के कृषि सचिव से मुलाकात की और उन्हें स्थिति की जानकारी दी। इतना सब करने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से न तो कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है और न ही कोई अनुदान।

केंद्र सरकार, जिसे एनडीआरएफ के नियमों के अनुसार सूखा राहत जारी करनी थी, वह इसमें अनावश्यक देरी कर रही है। जैसा कि मैंने आपको बताया था कि यदि आप इसमें एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेते हैं सम्मान, मैं आपके साथ आऊंगा। मैं एक बार फिर कहना चाहूंगा कि राज्य में सूखे का अध्ययन करने के लिए यात्रा पर जाने के बजाय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली ले जाने में देर नहीं करनी चाहिए।”

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.