नई दिल्ली: दुनिया में जब भी जंग छिड़ती है तो इसका असर सारी दुनिया पर देखने को मिलता है। यह असर आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तर का होता है। अब जैसे कि इजरायल और हमास के बीच हो रहे संघर्ष कई देशों की योजनाओं के अमलीजामे पर अंकुश लगा दिया है। आर्थिक स्तर की बात करें तो जो देश ये सोच रहे थे कि क्रूड आयल के दाम कम होने से पेट्रोल डीजल की कीमतें कम होंगी उनकी आस को ठेस पहुंची है। भारत सरकार को भी यह आस थी लेकिन अब यह आस पूरी नहीं होगी।
भारत के गणितज्ञों ने यहां तक कहना शुरू कर दिया था कि नवंबर के पहले हफ्ते से पेट्रोल और डीजल सस्ता होना शुरू हो जाएगा। यह गिरावट 7 रुपये से भी ज्यादा की रह सकती है लेकिन अब अस्थिरता के माहाैल के बीच ऐसा होता नहीं दिख रहा। दूसरी तरफ इजरायल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध का असर सीधे तौर पर सोने की कीमतों पर दिख रहा है। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन शुरुआती दौर में सोने के दाम में बढ़त दर्ज की जा रही है। मार्केट खुलने के साथ सोना 57,689 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर खुला था। दरअसल युद्ध और दुनियाभर में आर्थिक संकट आने पर गोल्ड की डिमांड बढ़ जाती है। वॉर या आर्थिक संकट आने से निवेशक सोने को निवेश का सुरक्षित ऑप्शन मानते हैं।