गंगटोक : सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदा में अभी तक 14 लोगों की मौत (14 people died) हो गई है और 102 लोग लापता बताए जा रहे हैं. लापता लोगों में 22 सैन्यकर्मी भी हैं. एक सैनिक जिसे रेस्क्यू किया गया था उसका इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. इस आपदा में 20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. तीस्ता नदी में पश्चिम बंगाल तक सर्च ऑपरेशन जारी है. इस बीच भारतीय सेना ने सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए।
बता दें कि, सिक्किम के मंगन जिले की लोनाक झील के कुछ हिस्सों में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड के कारण तीस्ता नदी (Teesta River) के निचले हिस्से में बहुत तेजी से जल स्तर में वृद्धि हुई थी. इससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में बड़ा नुकसान पहुंचा है. उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के कुछ हिस्सों में झील के फटने से पानी का स्तर लगभग 15 मीटर/सेकंड के उच्च वेग के साथ बढ़ गया था।
इसी आपदा के बाद, जिले में 23 सैन्यकर्मी लापता हो गए थे. इनमें से एक को बचा लिया गया है. अचानक आई बाढ़ से आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि अब भी 22 सैन्यकर्मी समेत 48 लोग लापता हैं. अधिकारियों ने बताया कि, तीन लोग उत्तरी बंगाल में बह गए. बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई. गंगटोक के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया, “गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं।”
उधर, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बुधवार को बैठक की और सिक्किम में स्थिति की समीक्षा की. सिक्किम के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए और समिति को राज्य की ताजा स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने समिति को राहत और बचाव उपाय करने में राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी. गृह सचिव ने समिति को बताया कि केंद्र सरकार उच्चतम स्तर पर स्थिति पर 24×7 नजर रख रही है. गृह मंत्रालय (एमएचए) के दोनों नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर रख रहे हैं और हर संभव मदद दी जा रही है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पहले ही तीन टीमें तैनात कर दी हैं और अतिरिक्त टीमें गुवाहाटी और पटना में तैयार हैं. बचाव और बहाली प्रयासों में राज्य की सहायता के लिए सेना और वायु सेना की पर्याप्त संख्या में टीमें तैनात की जा रही है।
केंद्रीय एजेंसियों और सिक्किम सरकार के राहत और बचाव उपायों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि चुंगथांग बांध की सुरंग में फंसे लोगों और पर्यटकों को निकालने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को तैनात किया जाना चाहिए और सड़क, दूरसंचार और बिजली की कनेक्टिविटी को कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए।