नईदिल्ली: भारतीय नौसेना की ताकत में आज यानी सोमवार को बड़ा इजाफा हुआ है। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की पांचवीं पनडुब्बी ‘आईएनएस वागीर’ को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, जिससे बल की ताकत और बढ़ेगी। ‘आईएनएस वागीर’ का निर्माण ‘मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल)’ ने फ्रांस के ‘मैसर्स नेवल ग्रुप’ के सहयोग से किया है। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में इसे नौसेना में शामिल किया गया।
नौसेना के अनुसार यह पनडुब्बी भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ावा देने का काम करेगी और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देगी। यह खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) पर काम करती है।
भारतीय नौसेना के अनुसार, पनडुब्बी दुश्मन को रोकने की भारतीय नौसेना की क्षमता में इजाफा करके भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाएगी। यह संकट के समय में निर्णायक वार करने के लिए खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) अभियान के संचालन में भी मददगार साबित होगी।” नौसेना के अनुसार, ‘वागीर’ का अर्थ ‘सैंड शार्क’ है, जो तत्परता एवं निर्भयता के भाव को प्रतिबिंब करती है।
पनडुब्बी भारतीय नौसेना की क्षमता को बढ़ावा देगी ताकि दुश्मन को रोकने में भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाया जा सके और संकट के समय में निर्णायक वार के लिए खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) का संचालन किया जा सके. ‘वागीर’ का अर्थ रेत शार्क है, जो तत्परता और निडरता का प्रतिनिधित्व करती है, ये दो गुण एक पनडुब्बी के लोकाचार के पर्याय हैं.
दुनिया के कुछ बेहतरीन सेंसर से लैस, इसके हथियार पैकेज में पर्याप्त वायर गाइडेड टॉरपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं, जो दुश्मन के बड़े से बड़े बेड़े को बेअसर कर सकती हैं. नौसेना ने कहा कि पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडो को लॉन्च करने की क्षमता भी है, जबकि इसके शक्तिशाली डीजल इंजन साइलेंट (खुफिया) मिशन के लिए बैटरी को जल्दी से चार्ज कर सकते हैं.
आत्मरक्षा के लिए इसमें अत्याधुनिक टारपीडो डिकॉय सिस्टम है. हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति के बीच आईएनएस वागीर (INS VAGIR) को शामिल किया गया है.
आईएनएस वागीर कलवारी क्लास की 5वीं पनडुब्बी है, जो कि काफी घातक है. इसमें सारे हाईटेक हथियार है. इसकी स्पीड भी अच्छी है और इसका सोनार और रडार सिस्टम भी सबसे बेहतरीन है.