नई दिल्ली : मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी पर कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता 12 जुलाई को हर राज्य की राजधानी में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के पास मौन सत्याग्रह कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मौन विरोध प्रदर्शन किया। असम की राजधानी गुवाहाटी में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्तराखंड में भी सत्याग्रह किया। भारी बारिश के बीच बुधवार सुबह दस बजे से देहरादून के गांधी पार्क में मौन सत्याग्रह में कांग्रेस और पार्टी के सभी फ्रंटल संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के ऊपर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे है। सत्याग्रह पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के दमनकारी फैसले से दुखी होकर हम देश व्यापी मौन सत्याग्रह कर रहे हैं।
कांग्रेस का मौन सत्याग्रह बुधवार को पटना में भी शुरू हो गया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश हो रही है। अखिलेश सिंह ने कहा कि इस देश में डकैतों की कमी नहीं है लेकिन उसके खिलाफ न्यायालय जल्दी कार्रवाई नहीं करता है. जो भगोड़े हैं, इस देश के देश को लाखों करोड़ों रुपए का चूना लगा कर चले गए, उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। अकेले राहुल गांधी ने जब भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, अडानी और अंबानी के खिलाफ बोला तो तुरंत एक महीने में उन पर कार्रवाई हो जाती है।
रायपुर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रदेश के तमाम नेता इस सत्याग्रह में शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत सत्ता और संगठन के कई बड़े चेहरे एक साथ मौन रहकर विरोध जता रहे हैं। यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सुबह 10 बजे से प्रदर्शन जारी है जो शाम 5 बजे तक होगा। राजस्थान कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने पार्टी नेता राहुल गांधी की अयोग्यता के खिलाफ कांग्रेस द्वारा किए जा रहे ‘मौन सत्याग्रह’ पर कहा कि राहुल गांधी ने हमेशा प्यार, अहिंसा और लोगों को एकजुट करने की बात की है लेकिन उन्हें निशाना बनाया गया। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।