इंफाल: मणिपुर की इंफाल घाटी में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खाली पड़े पैतृक आवास पर हमले की कोशिश समेत हिंसक झड़पों के एक दिन बाद सुबह स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण है।
प्राधिकारियों ने इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक कर्फ्यू मंख ढील दी है ताकि लोग आवश्यक सामान तथा दवाएं खरीद सकें।
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि यह छूट ”किसी भी गैरकानूनी सभा या बड़े पैमाने पर लोगों की आवाजाही या धरना प्रदर्शन” पर लागू नहीं होगी।
इंफाल घाटी में भारी सुरक्षा व्यवस्था तथा कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने रात को मुख्यमंत्री के खाली पड़े पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की। सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के कई गोले छोड़े और इस प्रयास को नाकाम कर दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ”इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर हमले की कोशिश की गयी।”
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने मुख्यमंत्री के पैतृक आवास से करीब 100-150 मीटर दूर भीड़ को रोक दिया था।
मुख्यमंत्री राजधानी इंफाल के केंद्र में एक अलग आधिकारिक आवास में रहते हैं जिस पर सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा रहता है।
सूत्रों ने बताया कि इंफाल में को विभिन्न स्थानों पर सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में कई लोग घायल हो गए।
सूत्रों ने बताया कि इंफाल ईस्ट के हट्टा मिनुथोंग में, मारे गए दो छात्रों के लिए न्याय की मांग करते हुए निकाली जा रही एक रैली में उस समय हिंसा भड़क गयी जब सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। घटना में कई लोग घायल हुए और उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि रात को भीड़ ने इंफाल ईस्ट के चेकोन इलाके में एक मकान में आग लगा दी। बाद में दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया।
इंफाल ईस्ट जिले के वांगखेई, खुरई और कोंग्बा में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों की आवाजाही बाधित करने के लिए टायर जलाए और लोहे की छड़ों तथा पत्थरों से सड़कें अवरुद्ध कर दी।