पल-पल बदल रहे टनल के अंदर के हालात, ऑगर मशीन पर टिकी उम्मीद, हाथ से ड्रिलिंग पर विचार

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नई दिल्ली/उत्तरकाशी: जहां एक तरफ उत्तरकाशी (Uttarkashi) के टनल (Tunnel Rescue) में फंसे 41 मजदूरों को निकालने को लेकर मोदी सरकार और देश की तमाम एजेंसियों ने जोर लगा रखा है। वहीं बीते शुक्रवार को टनल के अंदर फंसे मजदूरों को 13 दिन हो गए। इधर NDMA कहना है कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन काफी मुश्किल और चैलेंजिंग है। ऐसे में हर कदम फूंक-फूंक कर रखा जा रहा है। किसी भी तरह के नुकसान से बचा जा सके। इसिलोइए इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

वहीं अब खबर यह भी आ रही है कि, फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग पर विचार किया जा रहा है। लेकिन इस मिशन का सबसे अधिक दारोमदार ऑगर मशीन पर ही टिका है। अभी तक उस मशीन से धीरे-धीरे सफलता मिल रही है। हालांकि बीते शुक्रवार को ऑगर मशीन मे कुछ परेशानी जरुर आई थी। एक बार ऑगर पर जोर पड़ा था, जिसकी वजह से इसके बेस पर भी काफी असर हुआ। उन्होंने कहा कि फिलहाल सबकुछ सही दिशा में सबकुछ होता दिख रहा है।

इसके साथ ही टनल के अंदर सबसे अहम पाइप की पुशिंग का काम भी काफी तेजी से चल रहा है। बताया गया कि पहले की तुलना में अब मजूदरों से बहुत ज्यादा दुरी नहीं हैं। लें फिर भी कब कहां और किस तरह का बाधा आ जाए फिलहाल यह बटन मुश्किल है। जिसके चलते काफी सतर्कता से काम चल रह है। पता हो कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक वहीँ फंस गए थे। फिलहाल उन्हें बाहर निकालने के लिए कई एजेंसियां युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान में लगी हुई हैं।

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