परमाणु हमले से बचा सकती है आयोडीन की छोटी गोली? दुनिया में जमकर हो रही खरीदारी

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नई दिल्ली: यूक्रेन-रूस युद्ध, कोरिया विवाद और दुनियाभर की अलग-अलग गतिविधियों से कई देशों के बीच तनाव का माहौल है। रूस ने कई बार चेतावनी भी दी है कि वह परमाणु हमला कर सकता है। उत्तर कोरिया लगातार परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। इस सबसे परमाणु हमले से बचने के उपाय खोजे जा रहे हैं। परमाणु हमले के बाद होने वाले रेडिएशन से बचाने वाली दवा के रूप में पोटैशियम आयोडाइड की खूब चर्चा हो रही है। नतीजा यह है कि कई देशों में पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां भारी मात्रा में खरीदी जा रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां खरीदने के लिए दो हजार करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च कर दिए हैं।

अमेरिकी सरकार ने 2 अक्टूबर को बताया कि वह 2,389 करोड़ रुपये खर्च करके आयोडीन की ये गोलियां खरीद रहा है। जो बाइडन सरकार ने कहा है कि ये गोलियां परमाणु हमले के अलावा केमिकल अटैक, बायोलॉजिकल अटैक और रेडियोलॉजिकल हमलों से भी बचा सकती हैं, इसीलिए इतने बड़े पैमाने पर इन्हें खरीदा जा रहा है। आइए विस्तार से समझते हैं कि परमाणु हमले और आयोडीन का क्या कनेक्शन है।

सिर्फ अमेरिका ही नहीं यूरोप में भी तेजी से परमाणु दवाओं की बिक्री बढ़ी है। रूस और यूक्रेन से सटे देश पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ में इस तरह की दवाइयों के वितरण के लिए 600 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं। पोलैंड के सभी 16 प्रोविंस में इस तरह के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं। मालोपोल्स्का प्रांत में 34 लाख आबादी के लिए सरकार ने 55 लाख आयोडीन की गोलियां भेजी हैं। पोमेरानिया में 23 लाख आबादी के लिए 40 लाख गोलियों का स्टॉक रखा गया है।कमोबेश यही हाल ब्रिटेन का भी है। ऑक्सफोर्ड हेल्थ कंपनी ने बताया है कि यहां पोटैशियम आयोडाइड 150mg दवा की बिक्री काफी तेजी से बढ़ी है। दवा से जुड़ी जानकारी के लिए अक्टूबर की शुरुआत में कंपनी की वेबसाइट पर अचानक से पेज व्यूज में 15,000% की बढ़ोतरी हुई है।

पोटैशियम आयोडाइड को आयोडीन की दवा भी कहते हैं। कहा जाता है कि यह दवा परमाणु हमले के बाद होने वाले रेडिएशन से लोगों को बचा सकता है। दरअसल, परमाणु बम के धमाके के बाद रेडियोऐक्टिव तत्व I-131 तैरने लगता है। यह सांस के ज़रिए आपके शरीर में घुस जाता है। इसकी वजह से थायरॉइड कैंसर, ल्यूकीमिया, मेंटल डिसऑर्डर और गले और शरीर के दूसरे हिस्सों में ट्यूमर जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। दावा है कि I-131 से लोगों को बचाने के लिए ही आयोडीन की इस दवा यानी पोटैशियम आयोडाइड का इश्तेमला किया जाता है। इसे पोटैशियम और आयोडाइड को मिलाकर बनाया जाता है। आपको बता दें कि आयोडीन 37 तरह का होता है। इसमें से सिर्फ़ आयोडीन-127 ही ऐसा है जो सीधे तौर पर आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। वहीं, परमाणु बम से निकलने वाले I-131 का रेडिएशन इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसान की कई पीढ़ियों तक असर बना रहता है।

परमाणु हमले से कैसे बचाता है आयोडीन?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, पोटैशियम आयोडाइड में ऐसा आयोडीन होता है जो रेडियोऐक्टिव नहीं होता है। अगर कोई इसे खाता है तो आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा कम घुसती है। परमाणु हमले के समय आपके शरीर में जाने वाले आयोडीन-131 को खत्म करने में भी यह दवा कारगर मानी जाती है। इसके अलावा, I-131 की वजह से बनने वाले ट्यूमर को खत्म करने के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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