लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं मा. मंत्री, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के मार्गदर्शन में सहकारी चीनी मिल्स संघ, लि., उ.प्र. द्वारा आर्थिक स्थितियां प्रतिकूल होने के बावजूद भी सहकारी क्षेत्र की 03 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2021-22 के देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष शत्-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कर दिया गया है।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सहकारी चीनी उद्योग को सुदृढ़ करने हेतु कई कदम उठाये गये हैं। अधिक गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में चीनी मिलों का क्षमता विस्तार कर एथनॉल उत्पादन हेतु आसवनियों की स्थापना करायी जा रही है। रूग्ण एवं कम क्षमता की चीनी मिलों का सुदृढ़ीकरण कराया जा रहा है।
भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के हितों के लिए पूर्णरूपेण सजग है तथा उन्हें लाभ पहुंचाने हेतु सहकारिता को एक मुख्य साधन के रूप में अपना रही है। प्रदेश में कार्यरत 24 सहकारी चीनी मिलों द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी क्रम में शासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी वित्तीय सहायता एवं सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों की चीनी एवं अन्य सह उत्पादों की बिक्री से प्राप्त धनराशि फलस्वरूप पेराई सत्र 2021-22 में क्रय किये गये गन्ने का लगभग रू.2,524.90 करोड़ का भुगतान सीधे गन्ना किसानों के खाते में कर दिया गया है।
पेराई सत्र 2021-22 के देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष सम्पूर्ण भुगतान करने वाली चीनी मिलों में सहकारी चीनी मिल साथा, घोसी एवं सुल्तानपुर सम्मिलित हैं। वर्तमान पेराई सत्र में सहकारी चीनी मिलों द्वारा उत्तम गुणवत्ता की चीनी का उत्पादन किये जाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सहकारी एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलें गुणवत्तापरक चीनी का उत्पादन कर निजी क्षेत्र की चीनी मिलों को कड़ी प्रतिस्पर्धा दे रही हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि हॉल ही में उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लि., लखनऊ द्वारा सहकारी चीनी मिलों में उत्पादित सल्फरलेस शुगर की बाजार मांग के दृष्टिगत उपभोक्ताओं हेतु लखनऊ स्थिति गन्ना किसान संस्थान के परिसर में चीनी के रिटेल काउन्टर की स्थापना की गयी है। इस रिटेल काउन्टर पर भी उपभोक्ताओं का खासा रूझान एवं खरीद देखने को मिल रही है। रिटेल काउन्टर पर कार्यरत कार्मिकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रिटेल काउन्टर खुलने के लगभग एक सप्ताह के भीतर 05 कि.ग्रा. एवं 50 कि.ग्रा. की पैकिंग्स को मिलाकर लगभग 675 कि.ग्रा. चीनी की बिक्री हो चुकी है। विक्रित चीनी से प्राप्त धनराशि की सहायता से भी सहकारी चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने एवं गन्ना मूल्य भुगतान में सुविधा मिलेगी।